Kabir ke dohe ke dwara Hamein kaun se Naitik mulya sikhane ko Milte Hain
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उत्तर:-
कबीर के दोहे से हम सामाज के नैतिक मूल्यों का पता चलता है जेसे सामाज में धार्मिक ज्ञान लोगों से केसा वर्ताव करना चाहिए किस ब्यक्ति का केसा चारित्र है।
कबीर अपनी रचनाओं द्वारा लोगों को समाजिक ज्ञान देने में कभी पीछे नहीं हटे उन्होंने कभी किसीका बुरा नहीं चाहा ।
वे कितने महान कवि थे वोह हमें उनके लेख पढ़ने से ही पता चल जाता है ।
कबीर आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी कही गई बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में रोशनी का काम करती हैं| कबीर जी सन्त कवि और समाज सुधारक थे।
कबीर जी के दोहे आज तक ज्ञान देते है| हम आज तक कबीर के सिद्धांतों और शिक्षाओं को अपने जीवन शैली का आधार मानते हैं | कबीर जी ने रूढ़ियों, सामाजिक कुरितियों, तिर्थाटन, मूर्तिपूजा, नमाज, रोजादि का खुलकर विरोध किया |
समय के सदुपयोग के महत्व को समझते हुए कबीर दास जी ने कहा कि ''काल करें जो आज कर, आज करें सो अब।
जीवन बहुत छोटा होता है , हमें कोई भी काम कल पर नहीं डालना चाहिए | जो काम है आज के आज खत्म कर लेना चाहिए | कल कभी नहीं आता |
कबीर की साखी में कबीर जी यह समझाना चाहते है : हमें ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वाले का मन भी प्रसन्न हो उठे।
हमें कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए | हमेशा सबसे प्यार से और हंस के बात करनी चाहिए| खुद को भी सुख की अनुभूति होती है।