Hindi, asked by shubhras2004, 5 months ago

kabir ke pad class 11 shilp saundarya of all pads​

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Answered by shishir303
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कवि के पदों का शिल्प सौंदर्य...

कबीर ने अपने पदों के माध्यम से हमेशा बाहरी दिखावे और कर्मकांडों का विरोध किया है, और उन्होंने आत्मज्ञान को अधिक महत्व दिया है।

अपने कबीर के पदों में अलंकारों का भली-भांति प्रयोग किया गया है। उनके पदों में अनुप्रास अलंकार सहज रूप से मिलता है, जैसे पीपर पाथर पूजन,  भरम-भुलाना, सहज सहैज समाना आदि अनुप्रास अलंकार को स्पष्ट करते हैं।

घर-घर, लरि-लरि जैसे शब्दों के माध्यम से पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार दृष्टिगोचर होता है।

एक-एक का प्रयोग करके उन्होंने यमक अलंकार का भी प्रयोग किया है, जहाँ पहले ‘एक’ का मतलब एक और दूसरे ‘एक’ का मतलब परमात्मा है। कहीं कहीं पर उन्होंने अतिश्योक्ति अलंकार का भी प्रयोग किया है।

कबीर के पदों की आम बोलचाल की भाषा सधुक्कड़ी भाषा रही है और उनके पदों में व्यंग्य और कटाक्ष भरपूर मिलता है, जो उन्होंने बाहरी आडंबर और दिखावे पर किया है।

कबीर के पदों में शांत रस अधिक प्रकट होता है और उनके पदों में चित्रात्मकता है, गेय और संगीतात्मकता है।

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संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼

कबीर ने साधक और परमात्मा को किस रूप में चित्रित किया है class11

https://brainly.in/question/25869469

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कबीर के काव्य में निम्नलिखित में से क्या नहीं मिलता है ?  

गुरु के प्रति आस्था  

आत्म-बोध  

सधुक्कड़ी भाषा  

मसनवी शैली  

https://brainly.in/question/24360786  

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कबीर की साखियाँ हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि हैं।' -कथन की पुष्टि सोदाहरण कीजिए।  

https://brainly.in/question/10861522

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Answered by dhankaneetu533
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Answer:

kabir ke shilp saundharya

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