Kabir Ne Gyan ki Aandhi aane par kya Parivartan Hote Bataye Hain pls tell me the answer
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है। वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर : -
सामान्य हवा जीवन के लिए उपयोगी है। वह जीवन का आधार है पर उसमें इतनी क्षमता नहीं होती की दृढ़ता से बनी किसी छप्पर की छत को उड़ा सके, उसे नष्ट भ्रष्ट कर सके। कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना आंधी से की है ताकि उसे भ्रम रूपी छप्पर उड़ जाए। माया उसे सदा के लिए बांधकर न रख सके ।ज्ञान के द्वारा ही मन की दुविधा खत्म होती है, कुबुद्धि का घड़ा फूटता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Explanation:
सामान्य हवा जीवन के लिए उपयोगी है । वह जीवन का आधार है पर उसमें इतनी क्षमता नहीं होती की दृढ़ता से बनी किसी छप्पर की छत को उड़ा सके उसे नष्ट भ्रष्ट कर सके । कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना आंधी से की है ताकि उसे भ्रम रूपी छप्पर उड़ जाए । माया उसे सदा के लिए बांधकर न रख सके । ज्ञान के द्वारा ही मन की दुविधा खत्म होती है , कुबुद्धि का घड़ा फूटता है ।