Hindi, asked by rowdypraneeth2, 27 days ago

Kabir poem me se pal meaning in hindi​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

दोहा – 05. जब मैं था, तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाहि। सब अँधियारा मिटि गया, दीपक देख्या माहि।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जब तक मेरे अंदर “मैं” अर्थात अहंकार का भाव था तब तक परमात्मा मुझसे दूर थे, अब जब मेरे अंदर से “मैं” अर्थात अहंकार हो गया है तो परमात्मा मुझे मिल गए हैं।

Answered by vg592805
0

Answer:

.दोहा – 05. जब मैं था, तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाहि। सब अँधियारा मिटि गया, दीपक देख्या माहि।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जब तक मेरे अंदर “मैं” अर्थात अहंकार का भाव था तब तक परमात्मा मुझसे दूर थे, अब जब मेरे अंदर से “मैं” अर्थात अहंकार हो गया है तो परमात्मा मुझे मिल गए हैं।

Similar questions