Hindi, asked by Myin8499, 1 year ago

Kabira soyi peer h se Jane par peer
Je par peer n janai so kafir bepir
Is me kon sa alankar h

Answers

Answered by shishir303
37

Answer:

कबीरा सोई पीर है , जो जानै पर पीर।  

जो पर पीर न जानई , सो काफिर बेपीर ॥

इस दोहे में यमक अलंकार है।

यमक अलंकार की परिभाषा — जब किसी दोहे में एक  दो शब्द बार प्रयुक्त किया गया हो पर दोनों बार उसका अर्थ अलग-अलग हो तो वहां पर यमक अलंकार होता है।

इस दोहे का अर्थ होगा....  

कबीरदास जी कहते हैं कि वही पीर अर्थात सज्जन है जो दूसरे की पीर अर्थात पीड़ा को समझ सके। जो दूसरे की पीड़ा को नही समझ सकता वो दुर्जन के समान है।

प्रस्तुत दोहे में ‘पीर’ शब्द का दो बार उपयोग किया गया है।

यहां पहले ‘पीर’ का अर्थ ‘सज्जन’ और दूसरे ‘पीर’ का अर्थ ‘पीड़ा’ है।

Answered by AakartiB1602
2

Answer:

yamak alankaar

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