Kabirdas Ek Samaj sudharak the kathan ke Alok Mein Apne vichar likhiye??
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yes vo ek samaj sudaarak the unhone murti puja ka khandan kiya, sati pratha and so on
कबीर के जन्म के बारे में
अनेक कथायें प्रचलित हैं। माना जाता है कि उनका जन्म 1398 में काशी में हुआ। नीरू और नीमा ने कबीर का पालन पोषण करा। नीरू एक
जुलाहा था। उसे एक बच्चा लहरतारा ताल के पास पड़ा मिला। वह उसे अपने घर ले आया और
उसका नाम कबीर रखा। कुछ लोग कहते हैं कबीर जन्म से मुसलमान थे। युवावस्था में
स्वामी रामानंद के प्रभाव से उन्हें हिन्दू धर्म का ज्ञान हुआ।
वे एक क्रांतदर्शी कवि थे जिनके दोहों और साखियों में गहरी सामाजिक चेतना
प्रकट होती है। वे हिन्दू और मुसलमान के भेद भाव को नहीं मानते थे। उनका कहना था कि राम और रहीम एक हैं। वे सामाजिक ऊँच नीच को नहीं मानते थे।
उनके लिए सब समान थे।
वे
सामाजिक कुरीतियों को हटाना चाहते थे। सबको प्रेम और भाईचारे के साथ रहने की सीख
देते थे। वे परोपकार को महत्वपूर्ण मानते थे। उदाहरण के लिए, एक दोहे में वे कहते
हैं - बड़ा हुआ तो क्या हुआ .... पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।। अर्थात बड़े
होने का कोई लाभ नहीं है यदि एक व्यक्ति दूसरे के काम न आये। जिस प्रकार खजूर का
पेड़ बहुत बड़ा होता है, पर उसके फल बहुत दूर होते हैं इसलिए उनको खा नहीं सकते हैं।
खजूर का पेड़ यात्रियों को छाया भी नहीं देता है।