'कच्चे सकोरे' शब्द से ललद्यद का क्या अभिप्राय है ?
Answers
Answered by
61
Answer:
कच्ची सकोरे मतलब होता है मिट्टी से बना हुआ पानी का घड़ा कवित्री यह कहना चाहते हैं कि जिस प्रकार मिट्टी का घड़ा पानी पढ़ते ही पिघल जाता है उसी प्रकार ईश्वर का शरीर भगवान के भक्ति ke bina नश्वर है
Answered by
0
कच्चे सकोरे शब्द का प्रयोग मिट्टी के बर्तनों के लिए किया गया है l
- कच्चे सकोरे का अर्थ होता है मिट्टी के बने छोटे कच्चे बर्तन।
- कवयित्री ने इसका प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि जब इन कच्चे बर्तनों में पानी रखा जाता है तो पानी टपकता है और बर्तन में कुछ भी नहीं रहता है। कुछ हाथ नहीं आ रहा है।
- कवयित्री ललद्यद ने अपने उद्बोधन द्वारा इस बात पर बल दिया है कि मनुष्य को धार्मिक संकीर्णताओं से ऊपर उठकर ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए।
- कबीर दास जी की भाँति उन्होंने बाह्य रूप-रंग की भक्ति छोड़कर सच्ची भक्ति करने की प्रेरणा दी है। कवयित्री का है कि माया के बंधन को छोड़े बिना ईश्वर तक पहुंचना असंभव है।
For more questions
https://brainly.in/question/15642776
https://brainly.in/question/21685459
#SPJ3
Similar questions
Science,
5 months ago
Math,
5 months ago
History,
5 months ago
Social Sciences,
10 months ago
CBSE BOARD X,
1 year ago
English,
1 year ago