Science, asked by hariprasadjatwar, 2 months ago

कचरे का पृथक्करण स्रोत पर ही करना चाहिए क्यों किसी स्थान पर लगातार कचरा एकत्र होता रहे तो क्या होगा​

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Answered by angelgagneja10938
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Answer:

पुनरावर्तन में संभावित उपयोग में आने वाली सामग्रियों के अपशिष्ट की रोकथाम कर नए उत्पादों में संसाधित करने की प्रक्रिया ताजे कच्चे मालों के उपभोग को कम करने के लिए, उर्जा के उपयोग को घटाने के लिए वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए (भस्मीकरण से) तथा जल प्रदूषण (कचरों से जमीन की भराई से) पारंपरिक अपशिष्ट के निपटान की आवश्यकता को कम करने के लिए, तथा अप्रयुक्त विशुद्ध उत्पाद की तुलना में ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए पुनरावर्तन में प्रयुक्त पदार्थों को नए उत्पादों में प्रसंस्करण की प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं।[1][2] पुनरावर्तन आधुनिक अपशिष्ट को कम करने में प्रमुख तथा अपशिष्ट को "कम करने, पुनः प्रयोग करने, पुनरावर्तन करने" की क्रम परम्परा का तीसरा घटक है।

Answered by franktheruler
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कचरे का स्त्रोत पर ही पृथ्क्करण होना आवश्यक है इसका कारण है :

  • कचरे या बेकार वस्तुओं का पृथक्करण करना अर्थात गीले व सूखे कचरे को अलग अलग करना।
  • गीले कचरे से मतलब है सब्जियों व फल के छिलके , खराब हुई सब्जियां आदि। सूखे कचरे का अर्थ है अखबार के टुकड़े , कागज आदि।
  • यदि स्त्रोत पर ही कचरे का पृथ्ककरण कर दिया जाए तो ऊर्जा की बचत होती है। भूमि व धन की भी बचत होती है।
  • यदि कचरे जो कहीं और लेकर जमा किया जाए तो कचरा और अधिक दूषित हो जाता है बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • स्त्रोत पर ही अलग किए गए कचरे का पुनर्चक्रण आसानी से हो जाता है। वैसे पुनर्चक्रण की प्रक्रिया बहुत महंगी होती है। स्त्रोत पर ही अलगाव से थोड़ी बचत ही सकती है।
  • कचरे को उपचार करने के लिए ले जाने पर अधिक प्रदूषण फैलता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। कीटाणु फैलते है।

#SPJ6

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