Hindi, asked by gourakash39, 6 months ago

कछुआ धर्म निबंध का सार लिखिए
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Answered by bhatiamona
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कछुआ धर्म निबंध का सार...

कछुआ धर्म निबंध चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा लिखा गया एक निबंध है। इस निबंध के माध्यम से उन्होंने आर्य तथा अनार्य के आपस में विवाद के विषय का वर्णन किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह आर्यों की अपने भाई अनार्यों से अनबन हो गई। आर्य सप्तसिंधुओं को आर्यावर्त बनाना चाहते थे जबकि अनार्य लोग असुर ही बने रहना चाहते थे। आर्य जन आई हुई समस्या का सामना ना करके उससे बचाव का ही का रास्ता ढूंढते थे।

लेखक ने कछुए का उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस तरह कछुआ किसी भी समस्या अर्थात सामने आई समस्या का सामना ना करके अपने खोल में अपने अंगों को छुपा लेता है और वह यह महसूस करता है कि वह उस समस्या से बच गया है। उसी तरह आर्य भी यही किया करते थे। वह समस्या को समझते नहीं थे और उस से मुकाबला करने के बजाय उससे बचाव का रास्ता ढूंढते थे।

लेखक कहता है कि जब विदेशी लोग हमारे यहां व्यापार करने के उद्देश्य से आए और तो उन्होंने व्यापार के साथ-साथ धर्म का प्रचार करना भी शुरू कर दिया और अपनी लुभावनी बातों में बोले वाले भारतीयों को ऐसा फंसाया कि लोग अपने धर्म को त्याग कर ईसाई बनते गये।  इसका कारण हमारे हम भारतीयों की कछुआ पालन संस्कृति थी, जिसमें वह केवल अपने बचाव का रास्ता ढूंढते थे और समस्या का मुकाबला नहीं करना चाहते थे।

इस तरह लेखक कहता है कि हमारी हिंदुस्तानी सभ्यता भी कछुआ धर्म की तरह है जो केवल समस्या से बचाव करना जानती है, उसका मुकाबला करना नहीं।

Answered by shailajavyas
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Answer:

                               "कछुआ धर्म" चंद्रधर शर्मा गुलेरीजी द्वारा रचित एक विवेचनात्मक निबंध है |  इसमें लेखक ने आर्यों- अनार्यों की पारस्परिक अनबन के माध्यम से भारतीय सभ्यता के द्योतक मनु धर्म की आड़ में छिपी मानसिक वृत्ति का कसक भरा विवेचन किया है |                      

                                                इस वृत्ति को लेखक ने "कछुआ धर्म की" संज्ञा दी हैं क्योंकि कछुआ किसी भी समस्या के प्रस्तुत होने पर अपने अंग अपने कवच में समाविष्ट कर लेता है उसमें सामना करने की वृत्ति नहीं होती | इस वृत्ति को अपनाने से धर्म और उसका मर्म किसी भी काल या परिस्थितियों को कैसे और किस प्रकार प्रभावित करता है इसका कटाक्ष युक्त वर्णन गुलेरीजी ने निबंध में प्रस्तुत किया है |

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