Hindi, asked by sarkar626573, 8 days ago

कछुआ धर्म और शुतुरमुर्ग धर्म में क्या अन्तर है?​

Answers

Answered by heenasharif51
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Answer:

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

जैसे की आप में लगभग लोग जानते ही होंगे कि इंटरनेट पर नेपाल में मिले गोल्डन यानि सुनहरे रंग के कछुए की तस्वीरें खूब वायरल हो रही है। इतनी तेजी से इसके वायरल होने का एक कारण जहां इसका सुनहरा रंग बताया जा रहा है तो वहीं एक अन्य कारण सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु को माना जा रहा हैै। दरअसल कहा जा रहा है ये पीले कछुआ आम कछुओं की तरह नहीं बल्कि साक्षात भगवान का रूप है। बल्कि नेपाल में बहुत से लोग इसे भगवान मानकर इनकी पूजा कर रहे हैं। ये सब देखते हुए कहा ये भी जा रहा है कि लोगों की ये आस्था अब इस जीव पर एक संकट की तरह मंडरा रहा है। क्योंकि आस्था के चलते लोग इसको भगवान का रूप मानकर न केवल इसकी पूजा कर रहे हैं बल्कि इस पर तरह तरह की चीज़ें भी चढ़ा रहे हैं। जो कहीं न कहीं इसके लिए नुकसान दायक हो सकती हैं। 

Answered by itzBrainlymaster
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Explanation:

जैसा कि कहा गया है, यहूदी कानून के अनुसार, शुतुरमुर्ग को नहीं खाया जा सकता है और इस प्रकार यह माना जाना चाहिए कि शुतुरमुर्ग यहूदी घरों में मुख्य रूप से अपने अंडे और पंखों से उपकरण और सजावट तैयार करने के लिए पैदा हुआ था और शायद पालतू जानवरों के रूप में, जैसा कि बाद के स्रोतों से जाना जाता है (अमर) 2003:35)।

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