Hindi, asked by priyashinde0025, 2 months ago

कह गिरिधर कविराय, जगत का ये ही लेखा |
करत बेगरजी प्रीति, मित्र कोई बिरला देखा ||
छेद पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए -
संजाल पूर्ण कीजिए।
1. कवि ने इन मानवीय गुणों की ओर संकेत किया है।
अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते
जहाँ हो कटकों का वन, सुमन माँगा नहीं करते |
जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक
नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते
परों में शक्ति हो तो नाप लो उपलब्ध नभ सारा
उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते |
जिसे मन-प्राण से चाहा, निमंत्रण के बिना उसके
सपन तो खुद-ब-खुद आते, नयन माँगा नहीं करते |
जिन्होंने कर लिया स्वीकार, पश्चात्ताप में जलना
सुलगते आप, बाहर से, अगन माँगा नहीं करते |
अ) संजाल पूर्ण करो।
1. उड़ान के लिए यह गगन नहीं माँगते
2. नयन में खुद-ब-खुद यह आते हैं -
ब) सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
सपना नभको नापना है।​

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Answered by rajabhautambe6363
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Answer:

hi how are you doing good na doing na

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