कहाँ के स्तूप राष्ट्र निधि के रूप में विद्यमान है?
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इस चक्राकार प्रस्तर पर सजावटी चिह्नों का अंकन किया गया है, जिसे कलाकार ने बहुत खूबसूरती से केन्द्र बिन्दु से निकालकर चारों ओर फैलती हुई पत्तियों को वृत्ताकार कृति के रूप में प्रदर्शित किया है तथा इसके सिरे अर्द्ध-वलयाकार हैं। इस प्रकार के चिह्न भारत में प्राचीन सिक्कों पर भी देखने को मिलते हैं जिन्हें आहत मुद्रा कहा जाता है।
तक्षशिला से पाटलिपुत्र तक के क्षेत्र से इस प्रकार की प्रस्तर निर्मित अंगूठियां (प्रस्तर के गोल टुकड़े जिसके केन्द्र में एक बड़ा छिद्र होता है ) एवं चक्राकार प्रस्तर प्रायः प्राप्त होते है। ये आकार में छोटे हैं किन्तु वास्तविक सुन्दरता के उदाहरण प्रस्तुत करते है। ये प्रस्तर-निम्न-उद्भूत कला में कारीगरों की उत्कृष्ट कारीगरी को भी प्रदर्शित करते है। बड़ी मात्रा में इन कलाकृतियों पर अनेक प्रतीकात्मक चिह्न देखने को मिलते हैं, जिन पर पुष्प, पशु एवं वस्त्रहीन मातृदेवियों को अंकित किया गया है। इन कलाकृतियों के प्रयोग के संबंध में विवाद रहा है। किन्तु, ऐसा प्रतीत होता है कि धार्मिक अनुष्ठान में प्रयोग हेतु इनको बनाया जाता रहा होगा।
Explanation:
MARK ME AS BRAINLIEST PLEASE PLEASE PLEASE
MATE PLEASE
गुजरात मा आवेलू नर्मदा नदी किनारे आवेल स्तूप सरदार वल्लभभाई पटेल नू चे ते राष्ट्रीय निधि रूप में विद्यमान है