कहै कवि का बेनी, बेनी व्याल की चुराई लीनी में अलंकार है- 1.रूपक 2. श्लेष 3.यमक
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कहै कवि बेनी बेनी व्याल की चुराई लीन्ही में अलंकार है
Explanation:
कहै कवि बेनी बेनी व्याल की चुराई लीनी, रति-रति सोभा सब रति के सरीर की। पंक्ति में यमक अलंकार होता है। पहली-पंक्ति में 'बेनी' शब्द की आवृत्ति दो बार हुई है। पहली बार प्रयुक्त शब्द 'बेनी' कवि का नाम है तथा दूसरी बार प्रयुक्त 'बेनी' का अर्थ है 'चोटी'।
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कहै कवि का बेनी, बेनी व्याल की चुराई लीनी में अलंकार है।
इस पद में यमक अलंकार है।
सही उत्तर है - (3) यमक अलंकार
यमक अलंकार की परिभाषा -
जिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।
प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ हर बार अलग होता है। शब्द की दो बार आवृति होना वाक्य का यमक अलंकार के अंतर्गत आने के लिए आवश्यक है।
यमक अलंकार के उदाहरण -
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।
इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दुसरे कनक का अर्थ ‘धतूरा’ है। अतः ‘कनक’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।
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