कह कविराय कविता की आरंभ की चार पंक्तियां का सरलार्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए
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हमें धन-संपत्ति प्राप्त करके स्वपन में भी घमंड नहीं करना चाहिए। यह सम्पत्ति तो जल के समान चंचल है, बहुत थोड़े समय रहती है। अन्त में यह एक स्थान पर (किसी एक व्यक्ति के पास) नहीं रहती है, क्योंकि सम्पत्ति स्थिर नहीं रहती, इसलिए इस संसार में अपने जीवन काल में यश प्राप्त करो। सभी से मधुर वचन बोलिए और सभी के साथ विनयपूर्वक व्यवहार कीजिए। महाकवि गिरधर कहते हैं कि धन-सम्पत्ति सभी पास आकर उनकी परीक्षा लेती है। जो इसे प्राप्त करके कपट का व्यवहार करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह संपत्ति तो चार दिन रात (थोड़े समय) की मेहमान (अतिथि) है; यह सभी के पास सदा नहीं रहती है।
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