कह कविराय मैं दूसरे पद्यांश में अंतिम ४ पंक्तियों का भावार्थ
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गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ दैनिक जीवन की बातों से संबद्ध हैं और सीधी-सरल भाषा में कही गई हैं। ... कवि गिरिधर कविराय ने उपर्युक्त कुंडली में लाठी के महत्त्व की ओर संकेत किया है। हमें हमेशा अपने पास लाठी रखनी चाहिए क्योंकि संकट के समय वह हमारी सहायता करती है। गहरी नदी और नाले को पार करते समय मददगार साबित होती है।
हजारों लोग गुणी व्यक्तियों को पसंद करते हैं हम दोनों के बिना कोई किसी को पसंद नहीं करता जिस प्रकार कौवा और कोयल की बोली को सभी सुनते हैं और कोयल सभी को अच्छी लगती है अच्छी लगती हैं कौवा और कोयल दोनों का रंग एक जैसा ही तो गई कहते हैं मन की बात सुनो के बिना कोई भी किसी को पसंद नहीं करता हजारों लोग व्यक्ति को ही पसंद करते हैं इस पूरे संसार को देख लिया है सभी का व्यवहार स्वास्थ्य से भरा है जब तक किसी के पास पैसा है तभी तक सब उससे मित्रता पास होने पर सभी मित्रों घूमते हैं साथ में रहते हैं और और जब जब पैसा नहीं होता तो हमें छोड़ कर चले जाते हैं बहुत कम होते हैं अबे झूठे व्यक्ति मीठी मीठी बातें करके पैसे उधार ले जाते हैं पैसे लेते समय में बहुत आनंद आता है परंतु सर झुकाने की उनकी हिम्मत नहीं होती है पैसे लौटाने का समय आता है तो विभिन्न प्रकार की बातें बनाते हैं उधार लेने वालों का यही व्यवहार होता है पैसा वापस मांगते समय में दौड़ने हैं वह कहते हैं कि लेने वाले मित्र मन में रुठे रहते हैं बहुत दिन हो जाते हैं तो कहते कि तेरे संग वाले कागज की जो व्यक्ति किसी भी काम को करने से पहले अच्छी तरह से परिणाम के बारे में विचार नहीं करता उसे काम बिगाड़े जाने पर पछताना पड़ता है उसका काम तो पड़ता ही है उसके मन को शांति नहीं मिलती नहीं अच्छा लगताउसे खाने पीने मान-सम्मान नाचने गाने कुछ अच्छा नहीं लगता कभी गिरधर कहते कि ऐसे व्यक्ति के मन में हर समय दूध बना रहता है और वह दुख किसी भी तरह दूर नहीं होता बिना विचार किए काम करने का दुख हर समय दिल में खड़ा रहता है या मनुष्य जो बीत गया उसे भूल जाओ और आएगा आने वाले समय के बारे में सोचो जो काम आसानी से हो सकता है उसी में ध्यान लगाओ ऐसा करने पर दूसरे लोगों को हंसने का मौका नहीं मिलेगा और तुम्हारे मन में असंतोष नहीं देगा कबीर गिरधर कहते कि वह करो जिस पर विश्वास हो तो और भी हुआ मानकर भविष्य के बारे में सोचो यदि ना में पानी भर जाए तो उस दिन हाथ दोनों हाथों से बाहर फेंका जाता है ठीक इसी प्रकार यदि आपके घर में धन बढ़ रहा हो तो मुक्त भाव से उसे समाज सेवा में लगा देना चाहिए यदि समझदारी है यदि आवश्यकता हो तो ईश्वर का नाम लेकर अपना सर्वस्व निछावर कर देना चाहिए कहते हैं कि बड़े लोगों का कहना है कि हमें अपना बनाए रखना चाहिए शब्द शब्द उनके गाहक सहस नर बिन बुंदेला है ना कोई जैसे काका कोकिला शब्द सुने सबको शब्द सुने सबको एक कोकिला सभी सुहाग दो के एक कर्म कागज अभय अपवादों
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