कहानी ( बिना विचारे जो करे सो पछताय)
jisko hindi athi hain bho hi answer bethna
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एक समय की बात है राजा विक्रम सेन अपना शासन चलाते थे, वह बहुत ही दयालु प्रवृत्ति के थे, हालांकि किसी भी कार्य को वह बिना विचारे ही कर देते थे, जो उनका स्वभाव बन गया था. जो उस राजा की सबसे बड़ी कमजोरी थी. राजा के पास एक चिड़िया थी, जो उन्हें अपने प्राणों से प्रिय थी. राजा जहां कहीं भी जाते थे, उस चिड़िया को अपने साथ ही ले जाते थे.
एक क्षण के लिए भी उसे खुद से दूर नहीं करते थे, क्योंकि वह चिड़िया को बहुत ज्यादा ही पसंद करते थे, राजा की तरह चिड़िया भी उन्हें पसंद करने लगी थी. एक बार चिड़िया ने राजा से कहा कि वह अपने परिवार वालों से मिलना चाहती है. यह सुनकर राजा ने उसे तत्काल जाने की अनुमति दे दी.
चिड़िया अपने परिवार वालों से मिलने के लिए काफी प्रसन्ना हुई. जब वहां अपने परिवार वालों से मिलकर उन्हें राजा के पास आ रही थी, तो चिड़िया के पिता ने राजा को देने के लिए एक अमृत फल दिया. चिड़िया खुशी खुशी उसको लेकर राजमहल में जाने लगी. महल दूर होने की वजह से रास्ते में ही रात हो गई. चिड़िया ने सोचा कि एक रात पेड़ पर ही बिता कर सुबह जल्दी महल की तरफ बढ़ जाएगी.
चिड़िया रात में वहीं एक पेड़ पर बैठ गई. उस पेड़ के नीचे एक सांप रहता था, जो भूखा था. भोजन की तलाश में सांप ऊपर की तरफ आ गया जहां चिड़िया के समीप रखे अमृत फल को सांप ने चख लिया. जिस वजह से वह फल जहरीला हो गया. चिड़िया को इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
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