Hindi, asked by raginiyadav99075, 5 days ago

कहानी ( बिना विचारे जो करे सो पछताय) ​नेवले

jisko hindi athi hain bho hi answer bethna​

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Answered by JSP2008
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Answer:

Han mujko Hindi athe hai!!

Explanation:

एक सुंदर सुरम्य झील में बहुत से जलचर बड़े ही प्रेमभाव से रहते थे. उन्हीं में एक केकड़ा और सारस भी थे. दोनों में अच्छी मित्रता थी. सारस को कोई दुख था तो बस यह कि एक सांप आकर उसके अंडे खा जाया करता था.

एक दिन केकड़ा झील के किनारे बैठा था. तभी मुंह लटकाए सारस भी वहीं आ पहुंचा. मित्र का उतरा चेहरा देखकर केकडे ने पूछा, ‘कहो मित्र! यह मुंह क्यों लटका रखा है?’

‘क्या बताऊ मित्र. फिर वहीं कहानी, सांप फिर मेरे अंडे खा गया. न जाने कब तक चलेगा ऐसा.’ सारस दुखी स्वर में बोला, ‘मैं तो पूरी तरह से लाचार हो गया हूं.’

केकड़ा भी अपने मित्र के दुख में शामिल होता हुआ बोला, ‘दिल छोटा मत करों. इस दुष्ट सर्प का अंत करना होगा, मेरे पास एक उपाय है.’ कहकर केकड़ा सारस के कान में कुछ फुसफुसाने लगा. सुनकर सारस की आंखों में आशा की चमक छा गई, ‘ सुझाव तो अच्छा है, अपनी पत्नी को जाकर बताता हूं.’ कहकर सारस अपने घर की और चल दिया.

सारस की पत्नी सांप द्वारा अपने अंडे खा लेने के कारण बहुत दुखी थी, उसने सारी बैट सुनकर भी विशेष उत्साह नहीं दिखाया, बोली, ‘तुम्हें अपनी योजना पर पूरा विश्वास है? देख लो, कहीं कोई कमी न रह जाए और अपने ही प्राणों पर संकट आ पड़े. भली-भांति सोच-विचार कर लो.’

‘सोचने का समय ही कहां बचा है, जो कुछ करना है अभी करना है. तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा.’ कहकर सारस झील की ओर उड़ चला. किनारे पर किसी मछुआरे ने मचलियां सुखाने रखी हुए थी. सारस ने एक मछली चोंच में दबाई और उसे नेवले के बिल के पास डाल दिया. इसी प्रकार उसने कुछ और मचलियां उठाकर थोड़ी-थोड़ी दुरी पर डाल दीं. सबकुछ केकड़े की योजनानुसार हो रहा था.

अपने आसपास मछलियां की गंध पाकर नेवला अपने बिल से बाहर निकला पर मछलियां को खाता हुआ वहां आ पहुंचा, जहां सारस रहता था. पास ही सांप ही सांप भी लेता आराम कर रहा था. दोनों ने एक-दुसरे को क्रोध से देखा और भीड़ गए. कुछ ही देर में नेवले ने सांप को मार डाला. यह देखकर सारस बहुत प्रसन्न हुआ.

लेकिन सारस की यह खुशी अधिक देर न रह सकी. अगले दिन नेवला मचलियां के लोभ में फिर वहां आ निकला. लेकिन उसे यह देखकर बहुत निराशा हुए की आज वहां एक भी मछली नहीं थी. तभी उसकी निगाह पास की झाड़ियों पर पड़ी. उन्हीं झाड़ियों में सारस की पत्नी ने अंडे दिए हुए थे. नेवला झाड़ियों में घुस गया और अंडे खाने लगा. तभी सारस को जोड़ा वहां आ गया. उन्होंने जब नेवले को झाड़ियों में बैठे अंडे खाते देखा तो माथा पिट लिया और अपने भाग्य को कोसने लगे.

कथा-सार

सारस ने सांप से अंडे बचाने के लिए चाल चलकर उसे नेवले के हांथो मरवा दिया लेकिन उसे क्या पता था कि वह एक आफत दूर करने के लिए दूसरी आफत को बुलावा दे रहा है. इसीलिए कहा है-कुछ भी करने से पहले सोच-विचार लेना चाहिए. ‘बिना जो करे, सो पाछे पछताय.’

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Answered by Anonymous
1

Answer:

see bro really very sorry

actually I needed points

Explanation:

now my work is done

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but u can report my answers

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