कहानी - भिखारिन
लेखक - रामवृक्ष बेनीपुरी
प्रश्न:-
आशय स्पष्ट कीजिए:-
(क) “परंतु पत्थर में जोंक न लगी।"
(ख) "उस समय सेठ और भिखारिन दोनों की एक ही दशा थी।"
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Answer- ( क ) परंतु पत्थर में जोंक न लगी, यहाँ पर पत्थर सेठ को कहा गया है।
( ख ) उस समय सेठजी और अन्धी भिखारिन दोनों की एक ही दशा थी. दोनों की यही इच्छा थी कि शीघ्र-से-शीघ्र अपने बच्चे के पास पहुंच जाएं. कोठी आ गई, सेठजी ने सहारा देकर अन्धी को उतारा और अन्दर ले गए. भीतर जाकर अन्धी ने मोहन के माथे पर हाथ फेरा.
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