कहानी :एक विद्यार्थी – परीक्षा में असफल होना - निराशा - घर छोड़कर जंगल में जाना – पेड़ पर मकड़ी का बार-बार चढने का प्रयत्न करते देखना सफलता का मार्ग मिलना – ध्यान से पढना – सफल होना सफल होना - बोध |
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Answer:
गद्य या पद्य में लिखित मौखिक या लिखित, कल्पित या वास्तविक, और कोई भी भावना-उन्मुख या विषय-उन्मुख घटना, जिसका मुख्य उद्देश्य पाठकों का मनोरंजन करना, उन्हें कुछ शिक्षा देना या उन्हें किसी स्थिति से परिचित कराना है।
Explanation:
सुरेश नाम का एक छात्र था। वह पढ़ने में बहुत कमजोर था। उसके भाई-बहन हमेशा अच्छे अंकों से पास हुए, लेकिन सुरेश को कम अंक पाने के लिए शर्मिंदा होना पड़ा।
जब सुरेश फिर से नौवीं कक्षा में फेल हो गया, तो उसे बहुत दुख हुआ। निराशा के कारण उनका हृदय टूट गया। उसने सोचा कि अब किस मुँह से घर जाऊँ? इस बदनामी को सहने से मरना बेहतर है।
सुरेश ने आत्महत्या करने का फैसला किया। वह अपने गांव के पास के सुनसान जंगल में चला गया। वहां एक पेड़ की डाली से रस्सी बांधते समय अचानक उसकी नजर एक मकड़ी पर पड़ी। वह पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बार-बार फिसल कर गिर पड़ी। वह कई बार चढ़ी और पेड़ पर गिरी, फिर भी वह कोशिश करती रही। अंत में वह पेड़ की टहनी के पास पहुँची।
मकड़ी की इस सफलता को देखकर सुरेश की निराशा दूर हो गई। मकड़ी ने उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उसने सोचा - जब एक छोटी मकड़ी अपने प्रयास में सफल हो सकती है, तो मैं क्यों नहीं? मुझे भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए।
सुरेश घर लौट आया। उस दिन से वह बहुत ध्यान से पढ़ने लगा। इस बार उन्हें परीक्षा में स्वर्णिम सफलता मिली है।
सिख - असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। सफलता तभी मिलती है जब आप मेहनत और लगन से काम करते रहें। कोशिश करने वाले हार नहीं मानतेl
#SPJ2
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