कहानी हार की जीत पर आभार
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हार और जीत की हिंदी कहानी :- Haar ki jeet hindi story
यह “हार” और जीत” की कहानी जब शुरू हुई थी जब वह आदमी हमेशा अपने साथी को यह बात बताया करता था की वह उसे हरा सकता है लेकिन उसका साथी इन सभी बातों पर यकीन नहीं करता था, वह तो यही जानता था जीवन में “हार” और “जीत” से कोई मतलब नहीं है, एक दिन उस आदमी का साथी अपने दोस्त से मिलने आया था, वह उससे बात करता है की तुम मुझसे किस बात से परेशान हो क्योकि मुझे नहीं लगता है की हमे “हार और जीत” की बात करनी चाहिए,
समय-समय की हिंदी कहानी
वह पहला आदमी कहता है की तुम्हारी वजह से सभी लोग मुझे गलत समझते है इसलिए मुझे लगता है की सभी तुम्हे पसंद करते है, क्योकि उस दिन की बात मुझे याद है जब में अपने खेत में काम कर रहा था, तुम आये थे उसके बाद सभी लोगो को तुम्हारी बात पसंद आयी थी, मेरी बात किसी ने नहीं सुनी थी, मुझे तभी से लग रहा था की जब तक तुम्हे “हरा” नहीं देता तब तक मुझे अच्छा नहि लगेगा यह सुनकर दुसरा आदमी कहता है जोकि उसका बहुत अच्छा दोस्त है, तुम्हे इस बात से फर्क पड़ गया है,
यकीन नहीं होता हिंदी कहानी
जबकि उस दिन से में हमेशा यही सोचा करता था, मेने उन लोगो को अपनी राय देकर तुम्हे नाराज कर दिया है, मुझे लगता है की मुझे अब माफ़ी मांगनी चाहिए क्योकि में अपने दोस्त को खोना नहीं चाहता हु यह सुनकर पहला आदमी आज सोच में पड़ गया था, जिससे वह “जीतना” चाहता था जिसे वह हरा देना चाहता था, आज वह सबसे अच्छा दोस्त साबित हुआ है, क्योकि वह उसे “हराना” चाहता था जोकि कभी उसका बहुत अच्छा दोस्त भी था, इसलिए जीवन में “हार और जीतना” यह जब करना चाहिए जब इसकी जरूरत हो अपने रिश्तो में हार और जीत नहीं होती है, अगर आपको यह दोनों कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे