कहानी के प्रस्तुत अंशु के अंदर पर एक दृश्य की पटकथा लिखी
Answers
कजिहाउस मे अनेक जानवर बंद थे। वह कोई भैस, बकरी, घोड़े, और गधे भी थे। किसी के सामने हरा चारा नही था। सभी जमीन पर मुर्दो की तरह पड़े थे। कोई तो इतने कमजोर हो गए थे की वो खड़े भी नही हो सकते थे।
Explanation:
किस भी फ़िल्म यूनिट या धारावाहिक बनाने वाली कंपनी को ‘पटकथा’ तैयार करने के लिए, सबसे पहले जो चीज़ चाहिए होती है, वो है ‘कथा’। कथा ही नहीं होगी तो पटकथा कैसे कहेगी? अब सवाल यह उठता है कि यह कथा या कहानी हमें कहाँ से मिलेगी? तो इसके कई स्रोत हो सकते हैं हमारे स्वयं के साथ या आसपास की जिंदगी में घटी कोई घटना, अखबार में छपा कोई समाचार, हमारी कल्पनाशक्ति से उपजी कोई कहानी, इतिहास के पन्नों से झाँकता कोई व्यक्तित्व या सच्चा किस्सा अथवा साहित्य की किसी अन्य विधा की कोई रचना। मशहूर उपन्यासों-कहानियों पर फ़िल्म या सीरियल बनाने की परंपरा काफ़ी पुरानी है।
अभी कुछ वर्ष पूर्व ही शरत्चंद्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास देवदास को हिंदी में तीसरी बार फ़िल्माया गया। इसके अलावा भी हिंदी के कई जाने-माने लेखको-मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु, धर्मवीर भारती, मन्नू भंडारी आदि की तमाम रचनाओं को समय-समय पर रुपहले परदे पर उतारा गया है। दूरदर्शन तो अकसर ही साहित्यिक-रचनाओं को आधार बनाकर धारावाहिक, टेलीफ़िल्मों आदि का निर्माण करवाता रहता है। अमेरिका-यूरोप में तो ज़्यादातर कामयाब उपन्यास और नाटक फ़िल्म का विषय बन जाते हैं।