कहानी के पात्रों के सपाट संवादों से रंग नाटक क्यों नहीं बनता ?
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कहानी के पात्रों के सपाट संवादों को कह देने भर से वह कथावस्तु नाटक नहीं बन जाती। ... यह कहानी अथवा कविता के स्वरूप से भिन्न होता है। अभिनय प्रदर्शन, मंच सज्जा और नाटकीय कार्य व्यापार की प्रस्तुति से रंग नाटक बनता है। अत: रंग नाटक की रचना को रंग वस्तु की अपेक्षाओं के रूप में ही जाना पहचाना जा सकता है।
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