कहानी का शीर्षक 'गैंगे' है, जबकि कहानी में एक ही नँगा पात्र है। इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है? ।
Answers
लेखक के अनुसार मनुष्य विकलांग लोगों के शोषण के खिलाफ गूंगा है
Explanation:
1) इस दुनिया में लेखक के अनुसार मनुष्य विकलांग लोगों के शोषण के खिलाफ गूंगा है। लोग शोषण पर चुप हैं और विकलांगों की उपेक्षा करते हैं।
2) लोग विकलांग व्यक्ति के शोषण को देख रहे हैं लेकिन कोई भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाना चाहता है। वे इस बारे में भावुक हैं लेकिन यह एक पल के लिए है। जब वे विकलांग लोगों की सेवा करते हैं तो उनके पास मानवता नहीं होती है। वे हमेशा उनसे काम लेते हैं और उनका शोषण करना शुरू कर देते हैं।
3) इसलिए लेखक विकलांगों के खिलाफ इस दुनिया में लोगों की अमानवीयता को दर्शाता है।
Answer:
इस कहानी का शिष्य कौन गाना होकर घूम गई है इसका कारण यह है कि अकेला व्यक्ति गूंगा नहीं है बल्कि वह व्यक्ति भी गूंगे बहरे हैं जिनके संवेदना मर गई है ऐसे लोग अपने सामाजिक दायित्व के प्रति सचेत नहीं है इस कहानी का मुख्य पात्र तो एक गूंगी का प्रतीक मात्र है इन के माध्यम से लेखक में विकलांगों के प्रति समाज की ओर संकेत किया कहानी मानव की शोषण से मुक्ति का मार्ग दिखाती है बताने का प्रयास किया कि उनके व्यवहार करना चाहिए