Hindi, asked by HARROOPKAUR06, 1 year ago

कहानी लेखन:- एकता में बल

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Answered by beast14
167
एक आश्रम में दो बालक रहते थे। उन दोनों की आपस में बहुत लड़ाई होती थी। इतना ही नहीं वे दोनों एक दूसरे को हमेशा ही नीचा दिखाने में लगे रहते थे। एक दिन उनके गुरु ने उन्हें बुलाया और उन्हें एकता के बारे में समझाने के लिए Story सुनाई। उन्होंने बताया की एक बार एक जंगल में एक भैंस और घोड़े की लड़ाई हो गयी।



भैंस के बड़े बड़े सींग थे। उसने सींग मार मार कर घोड़े को अधमरा कर दिया। घोड़े को जब लगा की वह भैंस से जीत नहीं सकता। कुछ समय बाद वह मौका देखकर वहाँ से भाग गया। भागते भागते घोड़ा मनुष्य के पास पहुँचा और उससे सहायता माँगी। मनुष्य ने घोड़े से कहा – मैं भैंस से नहीं जीत सकता क्योकि वह अधिक बलवान है और उसके बड़े बड़े सींग है।

यह सुनकर घोड़े ने कहा – तुम एक डंडा लेकर मेरी पीट पर सवार हो जाओ। मैं भैंस के आसपास तेज तेज दौड़ता रहूँगा और तुम उसे डंडे से मार मार कर अधमरा कर देना और फिर उसे एक रस्सी से बाँध लेना। मनुष्य ने कहा – मैं उसे बाँधकर क्या करुँगा। घोड़े ने कहा – भैंस बहुत ही मीठा दूध देती है। तुम उसे पी सकते हो l


मनुष्य ने घोड़े की बात मान ली। वह घोड़े की पीट पर सवार हो गया। उसने डंडे से भैंस को मार मार कर अधमरा कर दिया। उसके बाद उसने उसे एक रस्सी से बाँध लिया। घोड़े ने मनुष्य से कहा – अब मैं चलता हूँ। मेरे चरने का समय हो गया है। यह सुनकर मनुष्य हँसने लगा और घोड़े को भी के रस्सी से बाँध लिया। इसके बाद उसने घोड़े से कहा – मैं रोज भैंस का दूध पिऊंगा और तुम्हारे ऊपर सवार होकर रोज घूमने जाया किया करुँगा। यह सुनकर घोड़े को बहुत पछतावा हुआ।

दोस्तों इस story से मैं आपको ये समझाना चाहता हूँ की अगर तुम आपस में ही लड़ते रहोगे तो कोई तीसरा इंसान तुम्हारा फायदा उठा लेगा। इस बात को तुम आज समझो या फिर कल समझो लेकिन सच्चाई ये है की एकता में ही बल है। मुझे उम्मीद है की आपको ये अच्छी लगी होगी। 

Answered by nav75
130
I hope it's helpful
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