कहानी लेखन निम्मलिखित शब्द के आधार पर कहानी लिखिये:- स्त्री , अन्न , पत्थर ,चोरी , महात्मा न्यया
Answers
Explanation:
अर्थात् हिरयन्गर्भ् ने अपने शरीर के दो भाग किये आधे से पुरुष और आधे से स्त्री का निर्माण हुआ। समाज का निर्माण स्त्री एवं पुरुष के संयोग से हुआ है, अतः समाज के संचालन के लिए जितनी अवश्यकता पुरुष की है उतनी ही स्त्री की भी। प्राचीन समय से स्त्री ने समाज के विकास एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
हालांकि तब स्त्री की दशा बहुत शोचनीय थी, उन्हें बहुत सी सामाजिक कुरीतियों का सामना भी करना पड़ता था , जब राजा राम मोहन राय, ईश्वरचंद विद्यासागर जैसे महान विचारक एवं समाज सुधारको ने इन कुरीतियों से स्त्री को होने वाली हानियों को अनुभव किया तो उन्होंने नारी स्वाधीनता की आवाज़ उठाई, जिससे स्त्रियों में कुछ जगृति के लक्षण उत्पन्न होने लगे और अनेक महिलायें आगे आकर राष्ट्र निर्माण के मानकों में भाग लेने लगी एवं अपनी विद्या, बुद्धि एवं कर्तव्य शक्ति के बल पर समाज में उच्च स्थान प्राप्त किया और मानव समाज का मार्गदर्शन कराने में प्रशंसनीय कार्य कर दिखाया।
"क्षमा का महत्व"
Explanation:
एक गांव में मायाबेन नाम की स्त्री रहती थी। वह बहुत गरीब थी। एक दिन उसने एक दुकान से पैसे चुराए।
लोगों ने उसकी चोरी पकड़ी और उसे पत्थरों से मारना शुरू किया। वह सबसे माफी मांगने लगी, पर किसीने उसकी एक नही सुनी।
तभी उस जगह से प्रसिद्ध महात्मा गुजर रहे थे। उन्होंने लोगो को पत्थर फेकने से रोका और उनसे सारी कहानी सुनी।
महात्मा ने कहा कि "इस स्त्री के अपराध के लिए इसे दंड तो मिलेगा। परंतु, आप में से कितने लोगों ने कभी कोई अपराध नही किया है? यह स्त्री तो अपने अपराध के लिए माफी मांग रही है, इसे माफ कर देना चाहिए"
लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने महात्मा से माफी मांगी और उस स्त्री को क्षमा कर दिया। महात्मा ने स्त्री को कभी चोरी ना करने की सलाह दी और उसे वहांँ से जाने के लिए कहा।
सीख : कोई गलती के लिए माफी मांगे तो क्षमा करना भी जरूरी होता है।