Hindi, asked by jadhavmanisha3771, 8 months ago

४) कहानी लेखन
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लेखन लिखिए और
सालानी को उचित शीर्षक देते हए सीमा का उल्लेख
(१) एक विद्यार्थी-मंदबुद्धि होना-माता-पिता निराश-शिक्षक का
समझाना-ध्यान न देना-निराश होकर आत्महत्या करने के लिए निकल
पड़ना- मार्ग में कुआँ-स्त्रियों को पानी भरते हुए देखना-कुएँ के पत्थरों पर गहरे
निशान-स्त्रियों से कारण पूछना-रस्सी के निशान-बोध होना-अभ्यास में जुट
जाना-बड़ा विद्वान बनना-सीख।

Answers

Answered by Asimmahi
5

Explanation:

आज का युग विज्ञान का युग है। वर्तमान समय में विज्ञान ने हमें कम्प्यूटर के रूप में एक अनमोल उपहार दिया है। आज जीवन के हर क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग हो रहा है। जो काम मनुष्य द्वारा पहले बड़ी कठिनाई के साथ किया जाता था, आज वही काम कम्प्यूटर द्वारा बड़े ही आराम से किये जा रहे हैं। कंप्यूटर का उपयोग दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है। कम्प्यूटर ने दुनिया को बहुत छोटा कर दिया है। इंटरनेट द्वारा गूगल, याहू एवं बिंग आदि वेबसाइट पर दुनियाभर की जानकारी घर बैठे ही प्राप्त की जा सकती है। इंटरनेट पर ई-मेल के द्वारा विश्व में किसी भी जगह बैठे व्यक्ति से संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए केवल ई-मेल अकाउंट और पासवर्ड का होना आवश्यक होता है। कम्प्यूटर मनोरंजन का भी महत्वपूर्ण साधन है। इस पर अनेक खेल भी खेले जा सकते हैं। कुल मिलकर कहें तो कम्प्यूटर ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है। कम्प्यूटर सचमुच एक जादुई पिटारा है।

ग्लोबल वार्मिंग शब्द पृथ्वी के तापमान में होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिस पर अगर काबू नहीं किया गया तो यह पूरी पृथ्वी को ही नष्ट कर देगा। सीएफसी-11 और सीएफसी-12 जैसी ग्रीन हाउस गैसों ने सूरज के थर्मल विकिरण को अवशोषित करके पृथ्वी के वातावरण को गर्म बना दिया। ये गैसें सूर्य की किरणों को वायुमंडल में प्रवेश तो करने देती हैं, लेकिन उससे होने वाले विकिरण को वायुमंडल से बाहर नहीं जाने देती हैं। इसी को ग्रीनहाउस प्रभाव कहा जाता है, जो पूरे विश्व में तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। तापमान में वृद्धि से वर्षा चक्र, पारिस्थितिक संतुलन, मौसम का चक्र आदि प्रभावित होते हैं। यह वनस्पति और कृषि को भी प्रभावित करता है। जिसके कारण हमें दुनिया भर में लगातार बाढ़ और सूखे जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। तापमान में वृद्धि और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण बर्फ़बारी जैसी घटनाओं में भी कमी आयी है। तापमान में वृद्धि से आद्रता में भी वृद्धि हुई है क्योंकि तापमान में वृद्धि से वाष्पीकरण की दर में वृद्धि हुई है। स्थानीय सरकारों को चाहिए की वह लोगों के बीच जागरूकता पैदा करे तथा ऐसे उपकरणों और वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करे जो पर्यावरण के अनुकूल हो। पेपर, प्लास्टिक और अन्य सामग्रियों की रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करना चाहिए। ऐसे प्रयासों को लोगों द्वारा जमीनी स्तर पर करना अत्यंत आवश्यक है, तभी हम एक प्रभावी तरीके से इस भयानक समस्या का मुकाबला कर सकते हैं।

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