कहानी लेखन।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए।
गरीब माता-पिता - मेहनत करके कर्ज लेकर लड़की को पढ़ाना- लड़की द्वारा नासा में प्रवेश पाना-खुशी-बचपन को
याद करना - बरगद के पेड़ के पास बैठकर अंतरिक्ष की किताब पढ़ना - कैमरे से अंतरिक्ष की ओर देखना - मेहनत रंग
लाना-सीख।
Answers
कहानी लेखन।
कहानी का शीर्षक है विश्वास का फल
यह कहानी एक गरीब माता-पिता की है , जिनकी बेटी को अंतरिक्ष की किताबों को पढ़ना अच्छा लगता था , उसका लक्ष्य अंतरिक्ष में जाना था |
मीना एक गरीब घर से थी | उसके माता-पिता गरीब थे | मज़दूरी करके घर को चलाते थे | अपने बेटी की पढ़ाई की और लग्न को देखकर और उस पर विश्वास करके उन्होंने कर्ज लिया और अपनी बेटी को पढ़ाया | कड़ी मेहनत करने के बाद उसने अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया | एक दिन उसे नासा में प्रवेश मिल गया | उस वह बहुत खुश थी | उसके माता-पिता सब बहुत खुश थे |
उस दिन वह अपने दिन याद कर रही थी किस तरह वह बरगद के के पेड़ के नीचे बैठकर अंतरिक्ष की किताब पढ़ती थी और कैमरे से अंतरिक्ष की ओर देखती | आज उसका सपना पूरा भी हो गया | इस तरह उसकी मेहनत का फल उसे मिला | उस दिन उसने अपने माता-पिता का विश्वास और भी जीत लिया |
सिख : कहानी से हमें सिख मिलती कि हमें मेहनत और विश्वास कभी छोड़ना चाहिए , मेहनत और अपने आप पर विश्वास हमें एक दिन हमें सफलता जरुर देता है |
जीवन का श्रम
मोतियों के साथ अंतरिक्ष की ओर खुशी के मारे उसके पांव जमीन पर नहीं पढ़ रहे थे ना से बाहर आते ही उसने घर का नंबर मिलाया।
पापा उससे बोलना नहीं गया
हमारी बेटी ने किला फतह कर लिया है ना?
हां पापा वह यह कि मैंने नासा में प्रवेश पाने वाली परीक्षा पास कर ली है मेरिट में पहले नंबर पर हूं
शाबाश मुझे पता था हमारी बेटी लाखों में एक है।
पापा 15 मिनट के बाद ब्रेक के बाद एक औपचारिक इंटरव्यू और होना है उसके फौरन बाद मुझे नासा अंतरिक्ष प्रवेश कार्ड दिया जाएगा मम्मी को फोन देना।
तुम्हारी मम्मी सब्जी लेने के लिए गई है आते ही बात करवाता हूं ऑल द बेस्ट बेटा।
उसकी आंखें भर आई पापा की छोटी सी नौकरी थी लेकिन उन्होंने बैंक में से कर्जा लेकर अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाई थी। मम्मी पापा की आंखों में तेरे सपनों का हकीकत में बदलने का अवसर आ गया था। उसे याद आया अपने वह बचपन के दिन वह बरगद का वृक्ष है जिसके नीचे बैठकर वह लगातार अंतरिक्ष की ओर देखती थी।
उसी वृक्ष के नीचे बैठकर वह अंतरिक्ष की ओर देखा करती थी। उसी रिक्शा के नीचे बैठकर वह अंतरिक्ष संबंधी पुस्तकें पढ़ा करती थी। उसे याद आया था कैमरा जो उसके पापा ने लाया था उसकी उसकी आंखें के सामने पढ़कर वह यादें वह रिक्शा पुस्तक कैमरा मानो उसे पुकार पुकार कर कह रही हो दिव्या तुम सचमुच दिव्या हो तुम अंतरिक्ष का भ्रमण करने निकल। क्या हमें साथ लेकर नहीं जाओगी?
सीख-मेहनत का फल मीठा होता है।
हमें मेहनत करना छोड़ना नहीं चाहिए मेहनत हमें 1 दिन सफलता जरूर देती है।
Explanation:
करेक्ट आंसर