कहानी लेखन। निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए। धार्मिक प्रवृत्ति का किसान - प्रतिदिन खेत पर जाना - एक दिन खेत के पास साँप दिखाई देना - दूध पिलाना - साँप द्वारा सोने की मुद्रा देना - प्रतिदिन का यही सिलसिला - एक दिन शहर जाना - किसान के लड़के द्वारा साँप को दूध पिलाना - साँप को मारकर अधिक सोने की मुद्रा पाने की लालच - असफल - साँप द्वारा दंश करना - सीख।
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निम्नलिखित मुद्दो के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक तथा सीख नीचे दिए गए हैं :
कहानी
बाड़मेर नामक छोटे-से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। वह धार्मिक प्रवृत्ति का था और उसका नाम हरी था। अपनी रोजी-रोटी के लिए वह प्रतिदिन खेत पर जाता था।
एक रोज जब वह खेत के लिए निकला, तो उसे खेत के पास एक साँप दिखाई दिया। पहले तो वह डर गया किंतु फिर समीप जाकर देखा तो वह घायल था। किसान को दया आ गई और उसने घायल साँप को औषधि लगाई। उसके बाद, उसने साँप को दूध भी पिलाया।
साँप प्रसन्न हुआ और उसने किसान को एक सोने की मुद्रा दी। गरीब किसान ने अपने जीवन में चांदी की भी मुद्रा नहीं देखी थी। उसके हाथ में सोने की मुद्रा आते ही वह ख़ुशी से फुला नहीं समाया।
अब तो यह प्रतिदिन का सिलसिला शुरू हो गया। किसान रोज खेत आते समय साँप को दूध पिलाता और बदले में साँप उसे एक सोने की मुद्रा देता। घर से गरीबी हटने लगी।
एक दिन किसान को खेत का कुछ सामान लाने के लिए शहर जाना हुआ। वह अपने बेटे को साँप को दूध पिलाने की जिम्मेदारी सौंप कर गया। ठीक समय पर किसान का बीटा साँप को दूध पिलाने के लिए घर से निकला। साँप ने उसे भी सोने की एक मुद्रा दी।
किसान के बेटे के दिमाग में विचार आया, "पिताजी रोज एक मुद्रा लेकर आते हैं। ऐसे तो साँप के पास कितनी मुद्राए होंगी। क्यों न इसे मारकर में सारी मुद्राए एक साथ ले लू?" और उसने पास पड़ी लकड़ी से साँप पर वार कर दिया।
किन्तु वह असफल रहा। ऊपर से साँप को गुस्सा आ गया और उसने किसान के बेटे को दंश लिया।
इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि - लालच बुरी बला है। लालची इंसान ज्यादा पाने की आस में अपना नुकसान करवा लेता है।
सीख - हमें अपने जीवन में लालच से बचकर रहना चाहिए।
- हमें अपने जीवन में लालच से बचकर रहना चाहिए। शीर्षक - लालच का फल