कहानि लेखन - नदी किनारे पेडपर कबुतर के जोडे का घोसला उसी पेड के खोंडर में सांप रहना- कबुतर के अंडे साप द्वारा खा जाना-कबुतर के जोड़े को नाराजगी - वही पास मे नेहाने आयी रानकुमारी - राजकुरीका का हिरे का हार कबुतर दवारा उठाना - शिपाईयो के सामने हार खोंडर मे मिलना-जोडे का हर्षित
होना- शिक्षा
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Answer:
एक चिड़िया नदी के किनारे पेड़ पर घोंसला में रहती थी। पेड़ के नीचे एक सांप भी रहता था। वह सांप चिड़िया के अंडे खा जाता था। वह हर बार ऐसा करता था। लेकिन चिड़िया बहुत छोटी थी। इस वजह से वह सांप का कुछ नहीं कर पाती थी। 1 दिन चिड़िया ने यह बात
नदी किनारे एक पेड़ पर चिड़िया अपने घोंसले में रहती थी, ठीक उसी पेड़ के नीचे एक सांप भी रहता था, जब भी चिड़िया अंडे देती तो सांप उसके अंडों को खा जाया करता था, सांप हर बार ऐसा ही करता, लेकिन
एक चिड़िया नदी के किनारे पेड़ पर घोंसला में रहती थी। पेड़ के नीचे एक सांप भी रहता था। वह सांप चिड़िया के अंडे खा जाता था। वह हर बार ऐसा करता था। लेकिन चिड़िया बहुत छोटी थी। इस वजह से वह सांप का कुछ नहीं कर पाती थी।
Explanation:
1 दिन चिड़िया ने यह बात कौएं को बता दी। उसको कौएं ने कहा ठीक है। हम इस सांप का कोई ना कोई उपाय जरूर करेंगे। उस कौएं ने चिड़िया से कहा कि नदी में एक राजकुमारी हर रोज स्नान करने के लिए आती है। अगली बार जब वो स्नान करने आए तो तुम मुझे आवाज लगा देना। उस चिड़िया नहीं कौएं की बात मान ली।
नदी किनारे एक पेड़ पर चिड़िया अपने घोंसले में रहती थी, ठीक उसी पेड़ के नीचे एक सांप भी रहता था, जब भी चिड़िया अंडे देती तो सांप उसके अंडों को खा जाया करता था, सांप हर बार ऐसा ही करता, लेकिन
अगले दिन राजकुमारी स्नान करने आई तो चिड़िया ने कौएं को आवाज लगा दी। राजकुमारी ने नदी में स्नान करने से पहले अपने गले का सुंदर हार उतार कर रख दिया। उस कौएं ने राजकुमारी का हार चुरा लिया और उसे सांप के बिल के पास रख दिया। राजकुमारी के सैनिक भी उसके पीछे-पीछे आ रहे थे।
कौएं ने सांप के बिल में हार डाल दिया और कौएं उड़ गया। सैनिकों ने यह सब कुछ देख लिया। अब सांप भी बिल से बाहर आ गया। तुरंत ही सैनिकों ने उस सांप को मार दिया और राजकुमारी का हार निकाल लिया। इस तरह से चिड़िया की परेशानी दूर हो गई।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि कोई भी लड़ाई ताकत से नहीं बल्कि बुद्धि से जीती जाती है। चाहे कितनी भी बड़ी परेशानी क्यों ना हो हमेशा दिमाग से काम लेना चाहिए।