Hindi, asked by InasShah, 1 month ago

कहानी लेखन-

नदी, स्कूल, छात्र, जनसत्ता

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Answered by abhinarayan2000
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कहानी: अनोखा स्कूल

सुंदरवन पहुंचने में डमडम को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। वह जंगल पहुंचा तो उसके साथी जानवरों ने उसका भव्य स्वागत किया। जंगल के राजा शेरू महाराज को उसके आने की खबर मिली, तो उन्होंने उसे अपने दरबार में बुला कर दावत दी।जंबो सर्कस के सभी पशु-पक्षियों को शहर से दूर छोड़ दिया गया, तो वे अपने-अपने पसंदीदा पुराने जंगलों में लौट गए। सर्कस वालों को सरकारी फरमान के कारण ऐसा करना पड़ा। डमडम भालू एक ओर अपने पुराने जंगल सुंदरवन में जाने को लेकर खुश था, तो दूसरी ओर उसे सर्कस के पुराने साथियों से बिछुड़ने का दुख भी था।

सुंदरवन पहुंचने में डमडम को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। वह जंगल पहुंचा तो उसके साथी जानवरों ने उसका भव्य स्वागत किया। जंगल के राजा शेरू महाराज को उसके आने की खबर मिली, तो उन्होंने उसे अपने दरबार में बुला कर दावत दी। वहां उसका अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। समारोह के दौरान शेरू महाराज ने कहा, ‘डमडम भाई, तुम तो इतने साल शहर में रह कर आए हो। हम इस बार जंगल का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाना चाहते हैं। इसके लिए कोई नया आइडिया बताओ।’ डमडम भालू ने कहा, ‘महाराज, मैं तो चाहता हूं कि इस बार जंगल के विद्यार्थियों को जिम्मेदारी देकर उनके माध्यम से ही उत्सव मनाएं। उत्सव पूरी तरह बच्चों के जिम्मे हो।’ डमडम भालू की बात सुनते ही दरबार में सन्नाटा छा गया।

शेरू महाराज उदास होकर बोले, ‘डमडम भाई। तुमने तो दुखती रग पर हाथ रख दिया। हमारे जंगल में तो कोई स्कूल तक नहीं।’

यह बात सुन कर डमडम भालू भी सन्न रह गया। उसने पूछा, ‘ऐसी क्या समस्या है महाराज? क्या जंगल के कोष में पैसा नहीं है?’

शेरू महाराज बोले, ‘पैसे तो खूब हैं। हम खर्च करने के लिए तैयार भी हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि हमारी आबादी छितराई हुई है। बहुत सारे जानवर पहाड़ी के उस पार हैं, कोई नदी के पार है। किसी खास मौके पर तो सब किसी तरह आ जाते हैं, लेकिन छोटे-छोटे बच्चे एक स्कूल में रोज नहीं आ पाते और अध्यापक इतने हैं नहीं कि जगह-जगह स्कूल खुलवा दें। एक टीटू खरगोश है, एक सोनू हाथी और अब तुम भी आ गए, तो तीन समझ लो। ऐसे में हमारे बच्चों को पढ़ाना संभव ही नहीं हो पा रहा। कई बार तो जंगल के अचानक आयोजित महत्त्वपूर्ण अयोजनों की सूचना भी जानवरों तक नहीं पहुंच पाती।’

डमडम भालू ने कहा, ‘महाराज, आप चिंता न करें। बस मुझे कुछ पैसों का इंतजाम करके दें। मैं टीटू और सोनू से बात करके इस समस्या का निदान करता हूं। हां, ये बताएं कि जंगल में कुल कितने बच्चे पढ़ने लायक हैं।’महाराज की सचिव स्वीटी बिल्ली ने कहा, ‘डमडम भाई कुल पैंतीस बच्चे हैं, जिनमें से पंद्रह प्राइमरी शिक्षा और बीस सेकेंडरी शिक्षा के योग्य हैं, जो पहले दूसरे जंगल के स्कूल में पढ़ने जाते थे, लेकिन अब दूसरे जंगल के स्कूल उन्हें अपने यहां आने की अनुमति नहीं देते।’

सारी बात सुन कर डमडम भालू ने कहा, ‘महाराज, आप मुझे पैंतालीस स्मार्टफोन मंगवा कर दें। पैंतीस फोन उन बच्चों को दिए जाएंगे और बाकी दस में से तीन मैं, सोनू और टीटू लेंगे। बचे सात फोन।… इनमें से एक आपके पास, एक स्वीटी बिल्ली के पास और पांच फोन जंगल के पांच खंडों के प्रभारियों के पास रहेंगे।

शेरू महाराज और स्वीटी बिल्ली सहित दरबार के सभी लोग डमडम भालू की ओर अचरज से देखने लगे।

शेरू महाराज बोले, ‘डमडम भाई, स्कूल की ओर से वार्षिकोत्सव की बात चल रही थी। ये बीच में स्मार्टफोन कहां से आ गया? इन बातों से स्मार्टफोन का क्या मतलब है’

डमडम भालू मुस्करा कर बोला, ‘महाराज, आपने अभी कहा न कि हमारे जंगल की विचित्र भौगोलिक संरचना के कारण एक जगह सबका आना मुश्किल है। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ विशेष सूचनाओं के प्रसारण और वक्त पड़ने पर सभी जानवरों के इकट्ठा होने में भी मुश्किल हो रही है। बस उसी के निदान की कोशिश कर रहा हूं।’

‘कैसे?’ शेरू महाराज और स्वीटी बिल्ली के मुंह से एक साथ निकला।

डमडम भालू ने कहा, ‘महाराज, मैं, सोनू और टीटू बच्चों को वाट्स-ऐप ग्रुप और वीडियोकॉल के माध्यम से यहीं बैठे-बैठे पढ़ाएंगे। उनका पाठ्यक्रम तय करके रोज उन्हें मैसेज भेजेंगे, फिर बच्चों को होमवर्क देंगे, तो बच्चे अपने वाट्स-ऐप से हमें उसका जवाब भेजेंगे। एक बार सभी बच्चों को इसका उपयोग करना सिखा देंगे, बस फिर काम आसान हो जाएगा। ठीक इसी प्रकार जंगल की जरूरी सूचनाएं भी हम सभी बच्चों के साथ-साथ जंगल के पांचों खंडों के प्रभारियों को भी भेज देंगे, जो आसपास के जानवरों को तुरंत सूचित कर दिया करेंगे। इससे जंगल की सूचना और संवाद का तंत्र भी विकसित होगा। इतना ही नहीं, हम दूसरे जंगलों से जुड़ कर उनकी नई बातें भी सीख सकते हैं और अपनी आवाज एक साथ बहुत से जंगल के जानवरों तक पहुंचा सकते हैं। किसी प्रकार का खतरा होने पर हम दूसरे जंगल के जानवरों से मदद भी मांग सकते हैं। आसपास के सभी जंगलों में जानवर मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे हैं। बस सावधानी यह रखनी है कि इनका दुरुपयोग न हो। और हां, वह सब मुझे दो दिन में ही मंगवा दें, ताकि मैं उत्सव के दिन ‘सुंदरवन वाट्स-ऐप स्कूल’ का उद्घाटन करा सकूं।’ ‘अरे वाह! भाई मान गए। तुम तो शहर से गजब की सीख लाए हो। हम कल ही तुम्हें स्मार्टफोन मंगवा देंगे। तब तक तुम स्वीटी, सोनू और टीटू के साथ बैठ कर आगे की योजना बनाओ।’ शेरू महाराज ने खुश होकर कहा। डमडम की योजना के अनुसार ही वार्षिकोत्सव के दिन वाट्स-ऐप स्कूल का विधिवत उद्घाटन हो गया। जंगल के सभी जानवर इस शुरुआत से बेहद खुश थे।

Answered by p098
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