कहानी लेखन
(पंडित-भविष्य-राजा-चतुर-पुरस्कार)
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एक समय की बात है किसी राज्य में एक ज्योतिष था। नाम था जगन्नाथ। उसकी भविष्यावाणी बहुत सटीक होती थी। एक बार वो अपनी किस्मत अाजमाने वाराणसी गया और वहीं एक मकान लेकर रहने लगा। संयोग से वह जहां रहता था वहां से सेनापति का महल करीब ही था। जगन्नाथ की तारीफ सुनकर एक दिन सेनापति ने उसे बुलाया और अपना हाथ उसे दिखाया। जगन्नाथ ने हाथ देखकर गंभीरता से कहा- सेनापति जी आपकी तो केवल एक सप्ताह की ही उम्र बाकि है। सेनापति घबरा गया और उसने अपना हाथ अपने राजज्योतिष गजानन को दिखाया और जगन्नाथ की भविष्यवाणी के बारे में बताया। गजानन ढोंगी पंडित था। उसे कुछ भी आता-जाता नहीं था। इसलिए हाथ देखने का नाटक करते हुए उसने बोला बात तो ठीक है, लेकिन मैं एक विशेष हवन कर मृत्यु को टाल दूंगा। आप बस किसी से कुछ न कहना। गजानन ने सोचा कि यदि सेनापति मर गया तो भविष्यवाणी की बात गुप्त रहेगी।
किसी को जगन्नाथ के बारे में पता नहीं लगेगा। सेनापति न मरा तो उसी की जय-जयकार होगी और जगन्नाथ मरेगा। इस बात के सातवें दिन राजा और सेनापति शिकार खेलने गए। वहां एक बाघ ने सेनापति को मार डाला। राजा और प्रजा शोक में डूब गए। गजानन यह डर सताने लगा कि कहीं उसे हटाकर जगन्नाथ को राज ज्योतिष न बना दिया जाए। उसने जगन्नाथ का पत्ता साफ करने की चाल चली। गजानन राजा से बोला – महाराज सेनापति की मौत नहीं आई थी, हमारे राज्य में कहीं जगन्नाथ नाम का एक दुष्ट आकर रह रहा है। वह ऐसा दुष्ट है कि जो अशुभ बात मुंह से निकाल देता है सच हो जाती है। सेनापतिजी की मौत भी उसी के अशुभ बोलने के कारण हुई है। सेनापति ने ये बात खुद मुझे बताई राजा को बहुत गुस्सा आया। उसने तुरंत ज्योतिषी को बुलाया गया। जगन्नाथ ने स्वीकार किया कि सेनापति के मौत की भविष्यवाणी उसने की थी। गजानन मुस्कुराया। राजा तलवार खींचकर जगन्नाथ से बोला- ज्याेतिष अब जरा अपना हाथ देखकर बना कि तेरी मौत कब लिखी हुई है।
जगन्नाथ सन्न रह गया। वह जान गया था कि राजा उसकी भविष्यवाणी गलत साबित करने पर उतारू है। वह अपनी मौत भविष्य में बताएगा तो राजा उसे उसी समय मार देगा। जगन्नाथ चतुर भी था। उसने अपनी बुद्धि चातुर्य का सहारा लिया। अपना हाथ देखने का नाटक कर बोला- महाराज आश्चर्य की बात है। मेरी मौत आपकी मौत से एक दिन पहले होगी। राजा ठंडा पड़ गया। जगन्नाथ मरता है तो राजा एक दिन बाद ही मरेगा। जगन्नाथ की चतुराई देखकर राजा खुश हुए और उन्होंने उसे राजज्योतिष नियुक्त कर दिया।
सीख
किसी भी कठिन परिस्थति से निकलने और सफल होने के लिए इंसान को धैर्य व समझदारी से काम लेना चाहिए।
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मै कहानी तो लिख दूंगा पर अपने मन से बनानी है क्या