कहानी लेखन सुर्य, लडकी मेहनत, सफलता
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topic-सफलता
घर-घर जाकर बर्तन मांजकर अपना और बेटे का गुजारा करने वाली मां को एक दिन बेटे ने टीचर का दिया हुआ एक पत्र थमाते हुए कहा, अध्यापक ने यह पत्र आपको देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है, तुम इस पत्र को अपनी मां को दे देना। उसकी मां ने जैसे ही वह पत्र पढ़ा वह मन ही मन मुस्कुराने लगी। मां को मुस्कुराता देख बेटे ने खुशी का कारण पूछा, जिस पर मां ने बड़े प्यार से बेटे के सिर पर अपनी ममता का हाथ फेरते हुए कहा, बेटा इसमें लिखा है कि आपका बेटा कक्षा में सबसे होशियार है। हमारे पास ऐसे अध्यापक नहीं हैं, जो आपके बच्चे को पढ़ा सकें। इसलिए आप इसका एडमिशन किसी और स्कूल में करवा दीजिए। लड़का यह सुनकर बहुत खुश हो गया और मन लगाकर पढ़ने लगा।
मां ने बेटे का एडमिशन दूसरे स्कूल में करवा दिया। उस बच्चे ने खूब मन लगाकर पढ़ाई की और आगे चलकर अपनी मेहनत के दम पर महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन बने।
वक्त गुजरता गया और एक दिन महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की मां का भी निधन हो गया। मां की मत्यु के बाद जब एक दिन आइंस्टीन ने मां की अलमारी खोली तो पाया उसमें उनके टीचर का लिखा हुआ वहीं पत्र था, जो उन्होंने कभी उस छोटे से बच्चे को उसकी मां को देने के लिए कहा था। आइंस्टीन ने वह पत्र खोला और पढ़ने लगे, आपको ये बताते हुए हमे बहुत दुख है कि आपका बेटा पढ़ाई-लिखाई में बहुत ही कमजोर है। जिस तरह से इसकी उम्र बढ़ रही है, उस तरह से इसकी बुद्धि का विकास नहीं हो रहा है। इसलिए हम इसे स्कूल से निकाल रहे हैं। आप इसका एडमिशन किसी दूसरे स्कूल में करवा दीजिये। नहीं तो घर में इसे पढ़ाइए।
आपने कई बार अखबारों में यह पढ़ा होगा कि किसी बच्चे के परिक्षा में कम अंक आए और उसने आत्महत्या कर ली या फिर किसी को प्यार में धोखा मिला और वो अपने जीवन से निराश हो गया। लेकिन जिस प्रकार पत्र पढ़कर आइंस्टीन की मां ने अपने बेटे की सोच बदल दी। ठीक उसी प्रकार आप भी जीवन में मिलने वाली कठिनाईयों का हिम्मत से सामना करते हुए अपनी सोच बदलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
सीख-खुद के बारे में हमेशा अच्छा और पॉजिटिव सोचें, आपकी सफलता में आपकी सोच का बहुत बड़ा हाथ होता है।