कहानी लेखन :-
विषय :- भाग्य और बुद्धि
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Answers
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एक बार संयोग से नदी किनारे भाग्य और बुद्धि की मुलाकात हो गई। दोनों आपस में बातें करने लगे। भाग्य बोला, “ मैं सबसे बड़ा हूँ। मैं जिसका साथ देता हूँ उसकी पूरी जिंदगी ही बदल जाती है। ” बुद्धि ने कहा, “ मेरे बिना किसी का काम नही चल सकता। बुद्धि न हो तो केवल भाग्य से कुछ नही बनता। ” दोनों ने अपनी- अपनी शक्ति का प्रयोग करके फैसला लेने का निर्णय किया ।
दोनों एक किसान के पास गए। किसान कर्ज के बोझ से परेशान था। भाग्य बुद्धि से बोला – देखो, मैं इसका भाग्य बदलता हूँ, यह खुशहाल हो जाएगा। इसे बुद्धि की जरूरत नही होगी। भाग्य ने किसान के खेत के ज्वार के दानों को मोती बना दिया। किसान ने कभी मोती नही देखे थे। वह ज्वार की जगह पत्थर लगे देखकर और परेशान हो गया। उसी समय उसके खेत के पास से राजा और मंत्री जा रहे थे। मंत्री ने मोती भरा खेत देखकर किसान से कहा,“ क्या मैं एक पौधा ले लूँ ?” किसान ने झल्लाकर कहा, “ पत्थर से भरे एक नही पूरे पौधे ले लो।” मंत्री ने राजा से कहा, “ महाराज, यह किसान सबसे अमीर है और विनम्र भी है। यह राजकुमारी के लिए योग्य वर हो सकता है।” राजा बहुत खुश हुआ। मंत्री ने किसान को एक अशरफी देकर कहा,“ युवक, हम तुम्हारा विवाह राजकुमारी से तय कर रहे है। ” किसान की शादी राजकुमारी से हो गई।
वह निर्धन से घनवान बन गया। जब राजकुमारी सजी-धजी उसके पास आई तो किसान को अपनी दादी की बात याद आई कि एक राक्षसी सुंदरी का वेष बनाकर सुंदर स्त्री हो जाती है। वह राजकुमारी को घक्का देकर वहाँ से भागते- भागते नदी मे कूद गया। राजा ने अपनी पुत्री के अपमान के लिए किसान को फाँसी की सजा सुनाई। अब बुद्धि ने भाग्य से कहा,“ देखा, तेरा भाग्यवान बुद्धि के बिना मारा जा रहा है। अब तू देख , मैं कैसे बचाती हूँ उसे ? ” बुद्धि किसान में प्रवेश कर गई। किसान को राजा के सामने पेश किया गया तो किसान बोला,“ महाराज, मुझे फाँसी क्यों दी जा २ही है ?” राजा ने कहा, “ तुमने हमारी राजकुमारी का अपमान किया है ।” किसान बोला, “ महाराज , मेरी दादी ने बताया था कि यदि शादी की रात कोई पानी में डूबकर मर जाए तो पत्नी विधवा हो जाती है या फिर उस देश का राजा मर जाता है।
जैसे ही राजकुमारी मेरे कमरे में आई, मैंने नदी की ओर से ' बचाओ-बचाओ ' की आवज सुनी और मैंने नदी में इबते एक युवक को बचा लिया। यदि यह अपराध है तो आपका दंड मुझे स्वीकार है। मैं तो अपनी पत्नी और देश के राजा के लिए कुछ भी कर सकता हूँ।” किसान की बात सुनकर राजा ने उसे गले लगा लिया और अपने व्यवहार के लिए क्षमा माँगते हुए उसे राज-पाट सौंप दिया।
बुद्धि ने मुस्कराकर भाग्य की ओर देखा। भाग्य बोला ― आज समझ में आया कि सफलता के लिए हम दोनों का मेल जरूरी है।
भाग्य और बुद्धि
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एक बार संयोग से नदी किनारे भाग्य और बुद्धि की मुलाकात हो गई। दोनों आपस में बातें करने लगे। भाग्य बोला, “ मैं सबसे बड़ा हूँ। मैं जिसका साथ देता हूँ उसकी पूरी जिंदगी ही बदल जाती है। ” बुद्धि ने कहा, “ मेरे बिना किसी का काम नही चल सकता। बुद्धि न हो तो केवल भाग्य से कुछ नही बनता। ” दोनों ने अपनी- अपनी शक्ति का प्रयोग करके फैसला लेने का निर्णय किया ।
दोनों एक किसान के पास गए। किसान कर्ज के बोझ से परेशान था। भाग्य बुद्धि से बोला – देखो, मैं इसका भाग्य बदलता हूँ, यह खुशहाल हो जाएगा। इसे बुद्धि की जरूरत नही होगी। भाग्य ने किसान के खेत के ज्वार के दानों को मोती बना दिया। किसान ने कभी मोती नही देखे थे। वह ज्वार की जगह पत्थर लगे देखकर और परेशान हो गया। उसी समय उसके खेत के पास से राजा और मंत्री जा रहे थे। मंत्री ने मोती भरा खेत देखकर किसान से कहा,“ क्या मैं एक पौधा ले लूँ ?” किसान ने झल्लाकर कहा, “ पत्थर से भरे एक नही पूरे पौधे ले लो।” मंत्री ने राजा से कहा, “ महाराज, यह किसान सबसे अमीर है और विनम्र भी है। यह राजकुमारी के लिए योग्य वर हो सकता है।” राजा बहुत खुश हुआ। मंत्री ने किसान को एक अशरफी देकर कहा,“ युवक, हम तुम्हारा विवाह राजकुमारी से तय कर रहे है। ” किसान की शादी राजकुमारी से हो गई।
वह निर्धन से घनवान बन गया। जब राजकुमारी सजी-धजी उसके पास आई तो किसान को अपनी दादी की बात याद आई कि एक राक्षसी सुंदरी का वेष बनाकर सुंदर स्त्री हो जाती है। वह राजकुमारी को घक्का देकर वहाँ से भागते- भागते नदी मे कूद गया। राजा ने अपनी पुत्री के अपमान के लिए किसान को फाँसी की सजा सुनाई। अब बुद्धि ने भाग्य से कहा,“ देखा, तेरा भाग्यवान बुद्धि के बिना मारा जा रहा है। अब तू देख , मैं कैसे बचाती हूँ उसे ? ” बुद्धि किसान में प्रवेश कर गई। किसान को राजा के सामने पेश किया गया तो किसान बोला,“ महाराज, मुझे फाँसी क्यों दी जा २ही है ?” राजा ने कहा, “ तुमने हमारी राजकुमारी का अपमान किया है ।” किसान बोला, “ महाराज , मेरी दादी ने बताया था कि यदि शादी की रात कोई पानी में डूबकर मर जाए तो पत्नी विधवा हो जाती है या फिर उस देश का राजा मर जाता है।
जैसे ही राजकुमारी मेरे कमरे में आई, मैंने नदी की ओर से ' बचाओ-बचाओ ' की आवज सुनी और मैंने नदी में इबते एक युवक को बचा लिया। यदि यह अपराध है तो आपका दंड मुझे स्वीकार है। मैं तो अपनी पत्नी और देश के राजा के लिए कुछ भी कर सकता हूँ।” किसान की बात सुनकर राजा ने उसे गले लगा लिया और अपने व्यवहार के लिए क्षमा माँगते हुए उसे राज-पाट सौंप दिया।
बुद्धि ने मुस्कराकर भाग्य की ओर देखा। भाग्य बोला ― आज समझ में आया कि सफलता के लिए हम दोनों का मेल जरूरी है ।