Hindi, asked by meenadevi2924, 5 hours ago

-कहानी से
1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्या आता था
2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े
3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अप
उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों में
अपनाने का क्या कारण बताया?
क्यों कहा?
7. 'अब इस बार ये पैसे न लूँगा'-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ।
8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी *
चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में के
यह सही है?​

Answers

Answered by preety86
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Answer:

1. mithai wale ka koi santan nhi tha esliye wo mahi e baad aata tha our nayi chije lata tha

2.mithai wala bahut achha tha esliye budhe bachhe uski or khicha chala aata tha

3.khilone wale ke aane par bachhe bahut sari toys buy karte thei esliye

Answered by akarvind2484
2

Answer:

Question 1:

मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

Answer:

बच्चे एक चीज़ से ऊब न जाएँ इसलिए मिठाईवाला अलग – अलग चीज़ें बेचता था। बच्चों में उत्सुकता बनाए रखने के लिए वह महीनों, बाद आता था। साथ ही चीज़ें न मिलने से बच्चे रोएँ, ऐसा मिठाई वाला नहीं चाहता था।

Question 2:

मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे ?

Answer:

निम्नलिखित कारणों से बच्चे तथा बड़े मिठाईवाले की ओर खिंचे चले आते थे-

(i) मिठाई वाला मादक – मधुर ढंग से गाकर अपनी चीज़ों को बेचता था।

(ii) वह कम लाभ में बच्चों को खिलौने तथा मिठाइयाँ देता था।

(iii) उसके हृदय में बच्चों के लिए स्नेह था, वह कभी गुस्सा नहीं करता था।

(iv) हर बार नई चीज़ें लाता था।

Question 3:

विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?

Answer:

एक ग्राहक के रूप में विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते है कि तुम लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है। सबको एक ही भाव से सामान बेचते हो ग्राहक को अधिक दाम बताकर उलटा ग्राहक पर ही एहसान का बोझ लाद देते हो।

एक विक्रेता के रूप में मुरलीवाला अपना तर्क पेश करता हुआ कहता है – आपको चीज़ों की असली लागत का अंदाजा नहीं है इसलिए दुकानदार चाहे हानि उठाकर ही चीज़ें क्यों न बेचे पर ग्राहक को हमेशा यही लगता है कि हम उन्हें लूट रहे हैं। ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता है। मुरलीवाला कहता है कि असली दाम – दो पैसा ही है, मैंने पूरी एक हज़ार बनवाई थी।

Question 4:

खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?

Answer:

खिलौनेवाले के आने पर बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे। बच्चों का झुंड खिलौनेवाले को चारों तरफ़ से घेर लेता था। वे पैसे लेकर खिलौने का मोलभाव करने लगते थे। खिलौने पाकर बच्चे खुशी से उछलने – कूदने लगते थे।

Question 5:

रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया ?

Answer:

मुरलीवाला भी खिलौनेवाले की तरह ही गा-गाकर खिलौने बेच रहा था। रोहिणी को खिलौने वाले का स्वर जाना पहचाना लगा इसलिए उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो आया।

Question 6:

किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

Answer:

रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस तरह के जीवन में उसे अपने बच्चों की झलक मिल जाती है। उसे ऐसा लगता है कि उसके बच्चे इन्हीं में कहीं हँस – खेल रहे हैं। यदि वो ऐसा नहीं करता तो उनकी याद में घुल-घुलकर मर जाता, क्योंकि उसके बच्चे अब जिंदा नहीं थे। इसी कारण उसने इस व्यवसाय को अपनाया।

Question 7:

‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?

Answer:

कहानी के अंत में रोहिणी द्वारा मिठाई के पैसे मिठाईवाले ने लेने से मना कर दिया क्योंकि चुन्नू और मुन्नू को देखकर उसे अपने बच्चों का स्मरण हो आया। उसे ऐसा लगा मानो वो अपने बच्चों को ही मिठाई दे रहा है।

Question 8:

इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

Answer:

आज भी कुछ औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं जैसे- ग्रामीण महिलाएँ तथा कुछ मुस्लिम परिवारों की महिलाएँ भी ऐसा करती हैं क्योंकि उनमें पर्दा प्रथा का प्रचलन आज भी है। आज के समाज में पर्दा प्रथा सही नहीं है। इसका प्रचलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। क्योंकि इससे महिलाओं का संकोच पता चलता है जो उनकी प्रगति में बाधक है।

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