कहानी सूजन भगत किस परिवेश को दर्शाती है
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¿ कहानी ‘सुजान भगत’ किस परिवेश को दर्शाती है ?
✎... ‘प्रेमचंद’ द्वारा लिखित कहानी “सुजान भगत” ग्रामीण जीवन के परिवेश को दर्शाती है। यह एक परिश्रमी और कर्मठ किसान की गाथा है।
कहानी में सुजान भगत गाँव का भोला भाला सीधा साधा परिश्रमी किसान है। वह स्वभाव से एक सज्जन व्यक्ति है। उसका स्वभाव अत्यंत विनम्र है। उसे दान धर्म के कार्यों में भी बड़ी रुचि है। वह बेहद परिश्रमी है और अपने खेतों में परिश्रमी करने के लिए गर्मी, सर्दी, वर्षा कैसी भी कठिन परिस्थिति में हर समय तैयार रहता है।
अत्यधिक परिश्रम के कारण वह काफी धन संपत्ति एकत्रित कर लेता है। एक बार गया तीर्थ होकर आने के बाद उसका झुकाव धर्म-कर्म में अधिक हो जाता है। वह दान पुण्य के कार्य अधिक करने लगता है। साधु संतों का सत्कार, भजन चौपाल, अतिथि सत्कार, दान-पुण्य जैसे अनेक सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में उसकी रुचि अधिक हो जाती है।
वह अब और अधिक विनम्र और उदार स्वभाव का बन गया है। सेवा चाकरी करने में उसे किसी प्रकार का अहंकार भी नहीं है। अपने सेवा भाव के कारण वे दूसरे किसानों के खेत में भी पानी दे आता है। अत्याधिक दान धर्म दान पुण्य करने के कारण जब उसके पत्नी बेटे ने उसके अधिकार छीन लिए तो वह आहत होकर अपनी जिद पर अड़ गया और उसने अत्याधिक परिश्रम ,से खेतों में अच्छी पैदावार करके और धन एकत्रित कर लिया।
इस तरह वह एक जिद्दी, कर्मठ और परिश्रमी किसान भी है, जिसे अपना अपमान सहन नहीं है। उसने किसान के उस परिश्रमी कर्मठता को उजागर किया है जो अपने बल पर धरती से सोना उगा सकते हैं। अपनी कर्मठता और परिश्रम के बल पर उसने अपने अधिकारों को पुनः प्राप्त कर लिया इस तरह वो मानवीय जिजीविषा का प्रतीक है।
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