कहा, "और जो हम कर सकते थे, वह हमने कर दिया।"
अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
-
उदारता का अभिप्राय केवल निःसंकोच भाव से किसी को धन दे डालना ही
नहीं दूसरों के प्रति उदार भाव रखना भी है। उदार पुरुष सदा दूसरे के विचारों का
आदर करता है। समाज में सेवक भाव से रहता है। यह न समझो केवल धन से
उदारता हो सकती है। उदारता इस बात में है कि मनुष्य को मुनष्य समझा जाए।
धन की उदारता के साथ सबसे एक और उदारता की आवश्यकता है। वह यह है
कि उपकृत के प्रति किसी प्रकार का अहसान न जताया जाए। अहसान दिखाना
उपकृत को नीचा दिखाना है। अहसान जताकर उपकार करना अनुपकार है।
10
D1
Page 7 of 8 Gdhyansh ka shirshak
Answers
Answered by
1
Answer:
कहा, "और जो हम कर सकते थे, वह हमने कर दिया।"
अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
-
उदारता का अभिप्राय केवल निःसंकोच भाव से किसी को धन दे डालना ही
नहीं दूसरों के प्रति उदार भाव रखना भी है। उदार पुरुष सदा दूसरे के विचारों का
आदर करता है। समाज में सेवक भाव से रहता है। यह न समझो केवल धन से
उदारता हो सकती है। उदारता इस बात में है कि मनुष्य को मुनष्य समझा जाए।
धन की उदारता के साथ सबसे एक और उदारता की आवश्यकता है। वह यह है
कि उपकृत के प्रति किसी प्रकार का अहसान न जताया जाए। अहसान दिखाना
उपकृत को नीचा दिखाना है। अहसान जताकर उपकार करना अनुपकार है।
10
D1
Page 7 of 8 Gdhyansh ka shirshak
Similar questions