कहि रहीम पर काज हित,संपति संचहि सुजान का मतलब कोई बता दो जिसको आता है please if u don't know then प्ल्ज़ dont ans
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hope it's help you,
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अर्थ : कविवर रहीम कहते हैं कि जिसत तर पेड़ कभी स्वयं अपने फल नहीं खाते और तालाब कभी अपना पानी नहीं पीते उसी तरह सज्जनलोग दूसरे के हित के लिये संपत्ति का संचय करते हैं। अर्थ: कविवर रहीम कहते हैं कि उस स्थान पर बिल्कुल न जायें जहां कपट होने की संभावना हो।
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Answer:
रहीम दास जी कहते है की दूसरों के परोपकार के लिए ही सज्जन लोग अपनी संपत्ति अर्थात धन का संग्रह करते हैं।
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