कहलाता है?
(2) मक्का-आल- गेहूँ-मूंग किस प्रकार की खेती का उदाहरण है?
भिक
नाफल में पायी जाती है? काली मी
Answers
Explanation:
वास्को-द-गामा (गोवा) : भारतीय वैज्ञानिकों ने फिलीपींस, बांग्लादेश और नेपाल के साथ मिलकर एकीकृत कृषि प्रणाली का ऐसा विकल्प दिया है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए फसल उत्पादकता और आमदनी बढ़ाई जा सकती है।
कृषि
फिलीपींस एवं भारत के अन्तरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थानों और बांग्लादेश, नेपाल व भारत के अन्तरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूँ सुधार केंद्रों तथा हरियाणा स्थित आईसीएआर-केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने सीरियल सिस्टम्स इनिशिएटिव फॉर साउथ एशिया (सीएसआईएसए) परियोजना के अन्तर्गत चावल और गेहूँ के उच्च पैदावार वाले क्षेत्रों में एकीकृत प्रबंधन विकल्पों की पहचान करके भविष्य हेतु एक एकीकृत कृषि प्रणाली का विकल्प पेश किया है।
वर्ष 2009–2014 के दौरान पाँच वर्षों तक किए गए इस अध्ययन में उत्तर-पश्चिम भारत में सिंधु-गंगा के मैदानों के फसल चक्र, जुताई-बुआई के तरीकों, अवशेष प्रबंधन और अन्य फसल प्रबंधन तरीकों पर आधारित चार अलग-अलग तरह की तैयार की गईं फसल प्रणालियों के आधार पर प्रायोगिक खेतों में फसलें उगाकर तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्ध करनाल स्थित केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रबोध सी. शर्मा ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “भविष्य में देश की बढ़ती जनसंख्या की खाद्य जरूरतों की पूर्ति को ध्यान में रखकर पारंपरिक खेती के बजाय समन्वित व संरक्षित कृषि प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया गया है। परंपरागत धान-गेहूँ के प्रमुख फसल चक्र में आमतौर पर अवशेषों को जला दिया जाता है, जिससे ग्रीन हाउस गैसें निकलती हैं, जो कृषि को वैश्विक ताप से जोड़ती हैं। इसके विपरीत नई विकसित की गई कृषि प्रणाली प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और वैश्विक ताप के साथ समन्वय स्थापित करती है, जिससे फसल उत्पादन में सुधार हो सकता है।”