Kahani lekhan in hindi
बहेलिया जाल बिछाना अनाज के दाने- छिपकर बैठना- कबूतरों का झुड- दाने देखकर नीचे आना--. फसना पछतावा बूढा कबूतर ---- एक साथ उड़ने का इशारा-------- जाल देख कर उठ जाना--. बहेलिए का पछताना-- ----- चूहे का जाल काटना-
सीख।
Answers
Answer:
चूहे का जाल काटना-
Explanation:
एक बार एक शेर अपनी गुफा में सो रहा था। तभी एक चूहा कहीं से आकर शेर के ऊपर कूदने लगा। जिससे शेर की नींद टूट गयी । शेर को चूहे पर इतनी ज़ोर से गुस्सा आया कि उसने उसे अपने पंजों में जकड़ लिया और उसे मारने का सोचने लगा। चूहा बहुत डर गया। उसने कांपते हुए शेर से कहा "हे शेर राजा ! मुझे माफ कर दिजिये, मुझ से बहुत भारी भूल हो गई। अगर आप मुझे जाने देगें तो आप का बहुत उपकार होगा और आपके इस उपकार को मैं वक्त आने पर जरूर चुका दूंगा।" यह सुनकर शेर को चूहे पर दया आ गई और उसने उसे जाने दिया। पर वह मन ही मन हँसा कि भला यह छोटा सा चूहा मेरा उपकार क्या चुकाएगा । समय बीतता गया ओर एक दिन हमेशा की तरह शेर शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था कि एक शिकारी ने उसे चलाकी से अपने जाल में पकड़ लिया। शेर अपनी सहायता के लिए जोर-जोर से दहाड़ मारने लगा । शेर की अवाज सुनकर चूहा वहाँ आया। शे को जाल में फंसा देखकर उसने तुरन्त अपने नुकीले दाँतों से शिकारी का जाल काट दिया और शेर को आज़ाद कर दिया। शेर ने चूहे का बहुत धन्यवाद किया। उस दिन शेर को समझ आया कि किसी भी प्राणी की काबलीयत उसके भारी रूप से नहीं लगानी चाहिए और कभी छोटे-बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए । हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए क्योकिं जो दूसरों की मदद करता है, उसकी भी सब मदद करते है।