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Answers
लेखक : डेविड जरनेर मार्टिन
अनुवाद: ऊषा चौधरी
आमतौर पर यह माना जाता है कि कक्षा में बच्चों से सवाल पूछकर शिक्षक यह जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चों के दिमाग में क्या चल रहा है या बच्चे क्या सोचते हैं। लेकिन पहले ज़रूरत इस बात की है कि शिक्षक कक्षा में बच्चों के घनिष्ट सहयोगी के रूप में रिश्ता कायम करें। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि बच्चों से ऐसे सवाल पूछे जाएँ जो उन्हें सोचने, विचार करने और अपनी बात को अभिव्यक्त करने हेतु प्रोत्साहित करते हों। आखिर किसी सार्थक शिक्षा में बच्चों को भी अपने ज्ञान और विचारों के सृजन के मौके तो मिलने ही चाहिए न!
सभी प्रकार की शिक्षा की तरह विज्ञान की शिक्षा को भी स्वतंत्र व स्वावलम्बी क्रियाओं को आगे बढ़ाना चाहिए। इसे व्यक्ति को ‘सोचने’ और ‘करने’ की शक्ति से युक्त करना चाहिए।
— डीबोअर
अपने को सशक्त बनाने के लिए बच्चों को चाहिए कि वे अपनी विचारशक्ति पर विश्वास विकसित करें। उन्हें अपने ज्ञान और अपने विचारों की जि़म्मेदारी लेनी चाहिए।
विद्यालय में प्रवेश लेने से पहले ही बच्चे बहुत-सा विज्ञान जानते हैं जैसे खिलौनों की खासियत, ऋतुओं की विशेषताएँ, गर्म और ठण्डे का अन्तर, खाने पर पकाने का प्रभाव आदि। उन्हें यह बोध करवाने की आवश्यकता है कि वे विज्ञान के बारे में बहुत कुछ जानते हैं जिससे उनमें अपनी सीखने की योग्यता के बारे में विश्वास बढ़ सके।
रहस्यमय डिब्बा
आगे बढ़ने से पहले रुकिए और यह गतिविधि कीजिए। एक ढक्कनदार छोटा डिब्बा लीजिए, इसमें दो या तीन छोटी-छोटी चीज़ें रख दीजिए। चीज़ें किसी भी आकार, आकृति या पदार्थ की बनी हो सकती हैं। किसी को न बताएँ कि डिब्बे में क्या है। डिब्बे का ढक्कन लगाकर, उसे टेप से बन्द कर दें। इस डिब्बे को 4-5 विद्यार्थियों के एक समूह को दे दें। उनसे कहें कि वे लिखकर, चित्र बनाकर या वर्णन करके बताएँ कि डिब्बे में क्या है। अगर आपने डिब्बे में कोई चुम्बकीय वस्तु रखी है तो उन्हें ढूँढ़ने में सहायता देने के लिए एक चुम्बक भी दे सकते हैं।
इस खास प्रकार के डिब्बे की तली में आप एक इंच का वाशर टेप से चिपका सकते हैं, धातु का बना एक स्क्रू और एक टेढ़ा-मेढ़ा पत्थर का टुकड़ा रख सकते हैं। चाहें तो कुछ सिक्के या कंचे डाल सकते हैं, किन्तु डिब्बे में बहुत सारी चीज़ें न रखें।
यह जानने के लिए कि डिब्बे में क्या है, आपको क्या करना होगा? आप शायद उसे हिलाएँगे, आप उसे झुकाएँगे - कभी तेज़ी से, कभी बहुत धीरे से, कभी अलग-अलग कोणों से। झुकाने पर आप अन्दर की आवाज़ पहचानने की कोशिश करेंगे। आप उसे सन्तुलित करने की कोशिश करेंगे। आप चुम्बक से यह जानने की कोशिश करेंगे कि अन्दर कोई चुम्बकीय वस्तु तो नहीं है। क्या आप चुम्बकीय आकर्षण अनुभव करते हैं? इस तरह आप स्पर्श (चुम्बकीय आकर्षण में), ध्वनि (तिरछा करने पर डिब्बे की आवाज़ सुनने पर) और दृष्टि (सन्तुलन बनाकर) के इन्द्रिय-ज्ञान का उपयोग कर रहे हैं।
MARK ME BRAINIEST