Hindi, asked by dineshsony045, 5 months ago

kahani puri kare
जादुई नगर में एक चित्रकार रहता था, जो अपनी चित्रकारी के द्वारा नगर में रहने वाले
लोगों के लिए उनकी इच्छानुसार सामान बना कर देता था | वह जो भी चित्र बनता वह
सजीव बनकर सामने प्रकट हो जाता | एक दिन नगर में....​

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Answered by anupama1568
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Answer:

नगर में एक उत्सव था तब वह आए वह एक जादुई नगर है तो वहां पर एक उत्साह था तो अब वह चित्रकार बहुत ही उत्साहित होता और 1 दिन उस उत्सव के दिन वह चित्रकार अपनी चित्र बनवाने के लिए बहुत ही उत्सुक था और वह बहुत ही खुश था जादुई नगर में जो भी आता था वह बहुत ही खुशहाल जिंदगी में रहता था तो वह बहुत खुश था एक दिन ऐसा क्या हुआ कि नगर में सारे लोगों को चित्रकार से नफरत होने शुरू हो गया क्योंकि चित्रकार द्वारा नगर में रहने वाले लोगों के लिए उनकी इच्छाधारी लिखा था तो उनकी इच्छा कम होती गई तो वह भी बहुत ही उदास होता गया क्योंकि उससे खाने पीने के लिए कुछ नहीं था क्योंकि व्यापार ही नहीं हो रहा था तो इसीलिए वह जादुई नगर के छोड़ने के लिएछोड़ने की बात की और वहां से जाने की सोची पर उसे अब बाद में पता चला कि जादुई नजर में एक मामूली चित्रकार जो हमारे द्वारा इच्छा अनुसार लिखता है उसे हम क्यों लिखे तो इसीलिए वहां से छोड़ कर चला गया और 1 दिन ऐसा आया जादू ही नजर में एक बहुत ही बड़ा उत्सव था पर वहां एक चित्रकार की आवश्यकता थी और वह चित्रकार जो भी हाथ जोड़कर चेहरा गया था उसके अच्छा कोई भी चित्र नहीं बनाता था तो इसीलिए उन्होंने उसे ढूंढने की सूची और उसे बहुत ढूंढा पर वह मिला नहीं एक दिन ऐसा हुआ कि उन्होंने एक ने उससे पत्र लिखा और उसे विनती की कि तुम आ जाओ तब वह आया था और उनकी उत्सव पूर्ण हो सका

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