Hindi, asked by omc4160, 4 months ago

Kahani
शरयौत त्याग बलिटानKahani
शहयोग त्याग बलिदान​​

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Answered by prateeksambyal
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Answer:

please make me the brainiest

Explanation:

बहुत पुरानी बात है। किसी नगर में हरीश नाम का एक नवयुवक रहता था। बेचारे के मां-बाप स्वर्ग सिधार चुके थे। गरीब होने के कारण उसके पास अपने खेत भी नहीं थे, औरों के खेतों में वह दिन भर छोटे-मोटे काम करता और बदले में खाने के लिए आटा-चावल ले आता।

घर आकर वह अपना भोजन तैयार करता और खा-पीकर सो जाता। जीवन ऐसे ही संघर्षपूर्ण था ऊपर से एक और मुसीबत उसके पीछे पड़ गयी।

एक दिन उसने अपने लिए चार रोटियां बनाई। हाथ-मुंह धो कर वापस आया तब तक 3 ही बचीं। दूसरे दिन भी यही हुआ। तीसरे दिन उसने रोटियां बनाने के बाद उस स्थान पर नज़र रखी। उसने देखा कि कुछ देर बाद वहां एक मोटा सा चूहा आता है और एक रोटी उठा कर वहां से जाने लगता है।

हरीश तैयार रहता है, वह फ़ौरन चूहे को पकड़ लेता है।

पढ़ें: जो चाहोगे सो पाओगे !

चूहा बोला, “भैया, मेरी किस्मत का क्यों खा रहे हो। मेरी चपाती मुझे ले जाने दो।”

“तुम्हे ले जाने दी तो मेरा पेट कैसे भरेगा? मैंने पहले से ही अपने जीवन से परेशान हूँ ऊपर से अब पेट भर खाना भी ना मिले तो मैं क्या करूँगा….ना जाने मेरे जीवन में खुशहाली कब आएगी?”, हरीश बोला।

इस पर चूहे ने कहा, “ तुम्हारे सारे सवालों का जवाब तुम्हें मतंग ऋषि दे सकते हैं।

हरीश ने पूछा कौन हैं वह?

चूहे ने उत्तर दिया- वह एक पहुंचे हुए संत हैं, उतर दिशा में कई पर्वतों और नदियों को पार करके ही उनके आश्रम तक पहंचा जा सकता है. तुम उन्ही के पास जाओ, वही तुम्हारा उधार करेंगे।

हरीश चूहे की बात मान गया, और अगली सुबह ही खाने-पीने की गठरी बाँध कर आश्रम की ओर बढ़ चला।

काफी दूर चलने के बाद उसे एक हवेली दिखाई दी। हरीश वहां गया और रात भर के लिए शरण मांगी।

हवेली की मालकिन ने पूछा – बेटा कहां जा रहे हो?

हरीश – मैं मतंग ऋषि के आश्रम जा रहा हूं।

मालकिन – बहुत अच्छा, उनसे मेरे एक प्रश्न का उत्तर मांग कर लाना कि मेरी बेटी 20 साल की हो गयी है, वह देखने में अत्यंत सुन्दर है, उसके अन्दर हर प्रकार के गुण भी विद्यमान हैं बेचारी ने अभी तक एक शब्द नहीं बोला है, पूछना वह कब बोलना शुरू करेगी?

और ऐसा कहते-कहते मालकिन रो पड़ीं।

हरीश- जी आप परेशान ना हों, मैं आपका उत्तर ज़रूर लेकर आऊंगा.

हरीश अगले दिन आगे चल पड़ा।

रास्ता बहुत ज्यादा लंबा था। रास्ते में उसे बड़े-बड़े बर्फीले पहाड़ मिले। उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे पार करूं। समय बीत रहा था। तभी उसे एक तांत्रिक दिखाई दिया जो वहां बैठ कर तपस्या कर रहा था।

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