कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गये, हिम के कणों से पूर्ण मानों, हो गये पंकज नये(इनमें कौनसा अलंकार है)
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कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गये, हिम के कणों से पूर्ण मानों, हो गये पंकज नये
कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गये, हिम के कणों से पूर्ण मानों, हो गये पंकज नये उत्प्रेक्षा अलंकार है | इन पंक्तियों में उतरा के अश्रुपूर्ण नेत्रों (उपमेय) में ओस जल-कण युक्त पंकज (उपमान) की सम्भावना की गई है।
उत्प्रेक्षा अलंकार : जिस वाक्य में जनु , जानो ,मनु , मनो , मनहूँ ,ज्यों आदि वाचक शब्द आए उसे उत्प्रेक्षा अलंकार होता है |
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प्रश्न5.निम्नलिखित पंक्तियों मेंअलंकार पहचानकर लिखिए -
(क) मैं तुझे ले चला कनक, ज्यों भिक्षुक ले स्वर्ण झनक |
(ख)कायर,क्रूर,कपूत,कुचाली यों ही मर जाते हैं |
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