कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।
भरे भौन मैं करत हैं नैननु ही सब बात।।इसका क्या अर्थ है
Answers
Explanation:
कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लाजियात। भरे भोन में करत है नैननु हि सब बात।। इसका अर्थ क्या है?
कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।
भरे भौन मैं करत हैं नैननु हीं सब बात॥
शब्दार्थ:
कहत = कहना, नटत = इंकार करना, रीझत = रीझना ;प्रसन्न होना, खिझत = खीजना, मिलत = मिलना, खिलत = खिल जाना, लजियात = शर्माना, भौन = भवन, नैननु=.आँखोंसे ही
इस दोहे में कवि ने जब भरी भीड़ में भी दो प्रेमी बातें करते हैं और उसका किसी को पता तक नहीं चलता है ऐसी अवस्थाका वर्णन किया है । ऐसी स्थिति में नायक और नायिका आँखों ही आँखों में रूठते हैं, मनाते हैं, मिलते हैं, खिल जाते हैं और कभी कभी शरमाते भी हैं।
Answer:
कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लाजियात। भरे भोन में करत है नैननु हि सब बात।। इसका अर्थ क्या है?
कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।
भरे भौन मैं करत हैं नैननु हीं सब बात॥
शब्दार्थ:
कहत = कहना, नटत = इंकार करना, रीझत = रीझना ;प्रसन्न होना, खिझत = खीजना, मिलत = मिलना, खिलत = खिल जाना, लजियात = शर्माना, भौन = भवन, नैननु=.आँखोंसे ही
इस दोहे में कवि ने जब भरी भीड़ में भी दो प्रेमी बातें करते हैं और उसका किसी को पता तक नहीं चलता है ऐसी अवस्थाका वर्णन किया है । ऐसी स्थिति में नायक और नायिका आँखों ही आँखों में रूठते हैं, मनाते हैं, मिलते हैं, खिल जाते हैं और कभी कभी शरमाते भी हैं।
Explanation: