kahi rahim sampati sage banat bahut bahu reet , bipati kasauti je kase tei sanche meet what is the meaning of this doha
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रहीम जी कहते हैं सम्पत्ती की अधिकता होने पर बहोत सारे लोग आपके मित्र बन जाते हैं , उस समय जब आपके पास संपत्ति होती हैं तब लोग अलग अलग बहाने ढूंढ कर आपसे मित्रता
करने का प्रयास हैं । लेकिन हमे यह ध्यान रखना चाहिए की सच्चे मित्र हमारे वही लोग हैं जो विपत्ति या बुरा समय आने पर भी दृढ़ता के साथ हमारा साथ निभाने को तैयार खड़े होते है । दोहे का अर्थ हुआ की मित्रता की कसौटी बुरा समय आने पर ही होती है, अच्छे समय में तो सभी आपसे दोस्ती करना चाहते हैं ।
करने का प्रयास हैं । लेकिन हमे यह ध्यान रखना चाहिए की सच्चे मित्र हमारे वही लोग हैं जो विपत्ति या बुरा समय आने पर भी दृढ़ता के साथ हमारा साथ निभाने को तैयार खड़े होते है । दोहे का अर्थ हुआ की मित्रता की कसौटी बुरा समय आने पर ही होती है, अच्छे समय में तो सभी आपसे दोस्ती करना चाहते हैं ।
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रहीम जी कह रहे हैं कि हमारे पास बहुत सारी संपत्ति होने पर दूसरे व्यक्ति हमसे मित्रता करने की सोचते हैं लेकिन वह व्यक्ति हमारे बुरे वक्त में हमारा साथ नहीं देते। वे व्यक्ति हमारे सच्चे मित्र नहीं होते, सच्चे मित्र हर बुरे वक्त में हमारा साथ देते हैं।
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