कई भी काम विश्वास के साथ क्यों करना चाहिए और मन में विश्वास कैसे उत्पन्न होता है?
Answers
विश्वास :- मस्तिष्क वही करता है जो कहा जाता है , जो डालेंगे वही परिणाम निकलेगा |
हर काम विश्वास के साथ करना चाहिए , जब कोई भी काम विश्वास के साथ किया जाएगा तो उसमें अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी , चाहे फिर वह काम कितना भी मुश्किल क्यों ना हो | विश्वास के सहारे जीना संभव है ? माँ की गोद में बैठा छोटा-सा बच्चा भी जरा सा झटका लगने पर अपने हाथ में जो कुछ आए उसे ज़ोर से पकड़ लेता है, जैसे उसके सहारे नीचे गिरने से बच जाएगा ,यह उसका विश्वास होता है | हम अपनी बुद्धि के कारण सोचते हैं कि भगवान उसी की मदद करते हैं जो अपनी मदद खुद करता है।
मन में विश्वास ,आत्मविश्वास द्वारा पैदा होता है | जितने महान् काम साहस के कारण संपन्न होते हैं, उतने अन्य किसी भी मानवीय गुण के कारण नहीं होते। वह कभी भी स्वयं को असुरक्षित अनुभव नहीं करता। वह किसी भी कार्य को करने पर अपने मन में शंका उत्पन्न नहीं होने देता। केवल उनके मन में यह दृढ़ विश्वास होता है कि उसे इस कार्य में सफलता प्राप्त करनी है, अपना भाग्य निर्माण करना है। आत्महीनता का परिणाम असफलता है |
सकारात्मक विश्वास सफलता को एवं कुंठित नकारात्मक विश्वास कुंठा व निराशा के क्रम को आगे बढ़ाता है |
Answer:
विश्वास :- मस्तिष्क वही करता है जो कहा जाता है, जो बोलेंगे वही परिणाम
निकलेगा।
हर काम विश्वास के साथ करना चाहिए, जब कोई भी काम विश्वास के साथ किया जाएगा तो उसमें अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी, चाहे फिर वह काम कितना भी मुश्किल क्यों ना हो। विश्वास के सहारे जीना संभव है ? माँ की गोद में बैठा छोटा-सा बच्चा भी जरा सा झटका लगने पर अपने हाथ में जो कुछ आए उसे ज़ोर से पकड़ लेता है, जैसे उसके सहारे नीचे गिरने से बच जाएगा,यह उसका विश्वास होता है। हम अपनी बुद्धि के कारण सोचते हैं कि भगवान उसी की मदद करते हैं जो अपनी मदद खुद करता है।
मन में विश्वास ,आत्मविश्वास द्वारा पैदा होता है | जितने महान् काम साहस के कारण संपन्न होते हैं, उतने अन्य किसी भी मानवीय गुण के कारण नहीं होते। वह कभी भी स्वयं को असुरक्षित अनुभव नहीं करता। वह किसी भी कार्य को करने पर अपने मन में शंका उत्पन्न नहीं होने देता। केवल उनके मन में
यह दृढ़ विश्वास होता है कि उसे इस कार्य में सफलता प्राप्त करनी है, अपना भाग्य निर्माण करना है। आत्महीनता का परिणाम सफलता है।
सकारात्मक विश्वास सफलता को एवं कुंठित नकारात्मक विश्वास कुंठा व निराशा के क्रम को
आगे बढ़ाता है।