Hindi, asked by Dikanku71621, 1 year ago

Kaise ho shraishth manav ka nirman par nibandh in hindi

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Answered by shishir303
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                       कैसे हो श्रेष्ठ मानव का निर्माण

श्रेष्ठ मानव बनने के लिए जीवन में सदाचारी होना अति आवश्यक है। सदाचारी होने के लिए सद्गुणों का होना अवश्य आवश्यक है। अब प्रश्न ये उठता है वह सद्गुण क्या हैं जिन से श्रेष्ठ मानव बना जा सकता है। ऐसे अनेक शब्द गुण हैं जिनको अपनाकर जीवन में श्रेष्ठ मानव बना जा सकता है।

श्रेष्ठ मानव बनने के लिए व्यक्ति के मन में प्रेम और दया होनी अत्यंत आवश्यक है। व्यक्ति के मन में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम हो। जिस धरा पर उसने जन्म लिया हो उसके प्रति प्रेम श्रेष्ठता का गुण है। अपने समाज के प्रति प्रेम हो अपने प्रियजनों और सृष्टि के हर प्राणी और वस्तु के प्रति प्रेम हो। उसके हृदय में कमजोरों, असहायों, निर्धनों, अशक्तों और दुखियों के प्रति दया हो।

व्यक्ति का ईमानदार होना भी श्रेष्ठता की एक पहचान है। चाहे वह ईमानदारी राष्ट्र के प्रति हो, अपने समाज के प्रति हो, अपने कर्तव्य के प्रति हो या अपने प्रियजनों के प्रति हो। व्यक्ति सच्चाई के मार्ग पर चलने वाला हो और झूठ नही बोलता हो।

विनम्रता भी श्रेष्ठ व्यक्ति का एक सुंदर आभूषण है। जो व्यक्ति विनम्र है वो व्यक्ति अच्छे दिल का अवश्य होगा। अतः विनम्रता अपने साथ एक अतिरिक्त गुण लेके आती है। इसलिये श्रेष्ठ मानव बनने के लिये विनम्रता अति आवश्यक है। साथ ही व्यक्ति का शांत चित्त का होना भी अत्यन्त आवश्यक है। विनम्रता और शांति स्वभाव को अपनाकर कठिन से कठिन परिस्थिति का बड़ी सरलता से सामना किया जा सकता है और जो कठिन परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हैं वो ही श्रेष्ठ मानव बनते हैं।

व्यक्ति का संवेदनशील होना भी श्रेष्ठ मानव होने की एक महत्वपूर्ण कसौटी है। जिस व्यक्ति के अंदर संवेदना नहीं है तो उस व्यक्ति के अंदर प्रेम और दया नहीं है और जिसके अंदर प्रेम और दया नहीं है तो वह श्रेष्ठ मानव कभी नहीं बन सकता। किसी रोते हुए व्यक्ति के आंसू पोंछ देना और उसके दुख में सहभागी बनने से श्रेष्ठ कार्य कोई नही है। ऐसा श्रेष्ठ कार्य करने वाला व्यक्ति ही श्रेष्ठ मानव बन सकता है।

इसके अलावा अनेक बातें हैं जिनमें कुछ को अपनाकर और कुछ न अपनाकर श्रेष्ठ मानव बना जा सकता है। जैसे कि सदाचार व नैतिकता के मार्ग पर चलना, सब के प्रति समानता का व्यवहार करना आदि, अपने कर्तव्यों व अधिकारों के प्रति सजग रहना, कुव्यसनों का परित्याग करना, कुसंगति और कुवृत्तियों से दूर रहना आदि।

Answered by Anonymous
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Answer:

हम कैसे श्रेष्ठ मानव बने हमें श्रेष्ठ बनने के लिए सर्वप्रथम सदाचारी बनना होगा और सदाचारी बनने में हमारे अंदर सद्गुणों का भरपूर गुण होना चाहिए सद्गुण हमारे अंदर विनम्रता, सदाचारी और करुणा का संचार करती है जिसे हम श्रेष्ठ मानव बन सकते हैं

श्रेष्ठ मानव बनने के लिए व्यक्ति के मन में प्रेम और दया होनी अत्यंत आवश्यक है। व्यक्ति के मन में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम हो। जिस धरा पर उसने जन्म लिया हो उसके प्रति प्रेम श्रेष्ठता का गुण है। अपने समाज के प्रति प्रेम हो अपने प्रियजनों और सृष्टि के हर प्राणी और वस्तु के प्रति प्रेम हो। उसके हृदय में कमजोरों, असहायों, निर्धनों, अशक्तों और दुखियों के प्रति दया हो।

व्यक्ति का ईमानदार होना भी श्रेष्ठता की एक पहचान है। चाहे वह ईमानदारी राष्ट्र के प्रति हो, अपने समाज के प्रति हो, अपने कर्तव्य के प्रति हो या अपने प्रियजनों के प्रति हो।

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