Kaise kaha jaa sakta hai ki raidas bhakt kavi ke sath sath ek samaaj sudharak sant bhi hai ? Tarksangat uttar dijiye.
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कैसे कहा जा सकता है कि रैदास भक्त कवि के साथ-साथ एक समाज सुधारक संत भी थे तर्क संगत उत्तर दीजिए ?
उत्तर : रैदास बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। वह एक समाज-सुधारक, मानववादी, धार्मिक मानव, चिंतक और महान कवि थे। उनका विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित - भावना तथा सदव्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है।
त्याग कर दूसरों के साथ व्यवहार करने और विनम्रता तथा शिष्टता के गुणों का विकास करने पर उन्होंने बहुत बल दिया। रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। संत कवि रैदास उन महान् सन्तों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
रविदास ने जीवन पर्यन्त छुआछूत जैसी कुरीतियों का विरोध करते हुए समाज में फैली तमाम बुराइयों के खिलाफ पुरजोर आवाज उठाई और उन कुरीतियों के खिलाफ निरन्तर कार्य किए है | वह किसी भी सामाजिक प्रथा को नहीं मानते थे |