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UP Board Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 केन किं वर्धते? (संस्कृत-खण्ड)
August 20, 2018 by Safia
UP Board Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 केन किं वर्धते? (संस्कृत-खण्ड)
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अववरणों का ससन्दर्भ हिन्दी अनुवाद
प्रश्न 1.
UP Board Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 केन किं वर्धते? (संस्कृत-खण्ड) img-2
उत्तर
[सुवचनेन = सुन्दर (मधुर) वचनों से। इन्दुदर्शनेन = चन्द्रमा के देखने से। रागः = प्रेम। श्रीः = लक्ष्मी, धन-सम्पत्ति। औचित्येन = उचित व्यवहार से। औदार्येणः = उदारता से। प्रभुत्वम् = प्रभुता। वैश्वानरः = अग्नि। अशौचेन = अपवित्रता से। अपथ्येन = अनुपयुक्त भोजन से, बदपरहेजी से। तृष्णा = (इच्छा) लालच।]
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी’ के ‘संस्कृत-खण्ड’ के ‘केन किं वर्धते’ पाठ से उद्धृत है।
प्रसंग-इनमें बताया गया है कि किस वस्तु से व्यक्ति की क्या वस्तु वृद्धि प्राप्त करती है।
अनुवाद-मधुर वचन से मित्रता बढ़ती है। चन्द्रमा के दर्शन से समुद्र बढ़ता है। श्रृंगार से प्रेम बढ़ता है। विनय से गुण बढ़ता है। दान से यश बढ़ता है। परिश्रम से न-सम्पत्ति बढ़ती है। सत्य से धर्म बढ़ता है। रक्षा (पोषण) करने से उपवन बढ़ता है। सदाचार से विश्वास बढ़ता है। (UPBoardSolutions.com) अभ्यास से विद्या बढ़ती है। न्याय से राज्य बढ़ता है। उचित व्यवहार से बड़प्पन बढ़ता है। उदारता से प्रभुता बढ़ती है। क्षमा से तप बढ़ता है। पूर्वी वायु (पुरवैया) से बादल बढ़ता है। लाभ से लोभ बढ़ता है। पुत्र के दर्शन से हर्ष बढ़ता है। मित्र के दर्शन से प्रसन्नता बढ़ती है। बुरे वचनों से झगड़ा बढ़ता है। तिनकों से आगे बढ़ती है। नीच लोगों की संगति से दुष्टता बढ़ती है। उपेक्षा से शत्रु बढ़ जाते हैं। पारिवारिक झगड़े से दु:खे बढ़ता है। दुष्ट हृदय से दुर्दशा की वृद्धि होती है। अपवित्रता से दरिद्रता बढ़ती है। अनुचित भोजन से रोग बढ़ता है। असन्तोष से लालच बढ़ता है। बुरी आदत से वासना बढ़ती