कक्षा 10
पाठ बड़े भाई साहब
प्रश्न 1 लेखक को समझाने के लिए बड़े भाई ने कौन-कौन से उदाहरण दिए?
प्रश्न 2 पढ़ाई और उम्र के अनुभव में क्या श्रेष्ठ है? पाठ के आधार पर उदाहरण सहित लिखिए।
प्रश्न 3 लेखक की स्वभावगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।
Answers
प्रश्न 1 लेखक को समझाने के लिए बड़े भाई ने कौन-कौन से उदाहरण दिए?
► लेखक को समझाने के लिए बड़े भाई साहब ने अनेक उदाहरण दिए उन्होंने अपनी अम्मा, अपनने दादा और हेड मास्टर की माँ का उदाहरण देकर लेखक को समझाने का प्रयत्न किया। बड़े भाई साहब ने घमंडियों का भी उदाहरण देकर कहा कि शैतान के बारे में तो पढ़ा ही होगा कि किस तरह उसे घमंड हो गया और वह यह सोचने लगा कि उससे अधिक सच्चा ईश्वर का भक्त कोई है ही नहीं और इसी घमंड के कारण ही वह उसे स्वर्ग से सीधे नर्क में डाल दिया गया। बड़े भाई साहब ने शाहेरूम का भी उदाहरण देकर कहा कि शाहेरूम ने भी एक बार घमंड किया और उसके घमंड का यह फल हुआ कि उसे पूरी जिंदगी में भीख मांग कर खाना पड़ा और अंत में वह बुरी मौत मरा। इस तरह बड़े भाई साहब ने लेखक को समझाने का प्रयत्न किया कि अपनी पढ़ाई में प्राप्त अच्छे अंको पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। बड़े भाई साहब ने लेखक को हेड मास्टर का भी उदाहरण दिया कि किस तरह हेड मास्टर की माँ अपनी सूझबूझ से घर को चलाती हैं। यहाँ हेड मास्टर की डिग्री माँ के तजुर्बे के आगे बेकार है।
प्रश्न 2 पढ़ाई और उम्र के अनुभव में क्या श्रेष्ठ है? पाठ के आधार पर उदाहरण सहित लिखिए।
► पढ़ाई और अनुभव में अनुभव श्रेष्ठ है। जिंदगी में बड़े भाई साहब के अनुसार जिंदगी में जो भी अनुभव प्राप्त होते हैं। वह बड़े काम आते हैंय़ केवल किताबी किताबी ज्ञान हासिल करने से कुछ नहीं होता। उन्होंने हेड मास्टर की माँ का उदाहरण देकर कहा कि हेड मास्टर के पास इतनी बड़ी डिग्री थी। ₹1000 महीना कमाते भी थे, लेकिन वह अपने घर का खर्चा भली-भांति नहीं चला पाते और हमेशा कर्ज में डूबे रहते। लेकिन जब उनकी माँ के हाथ में घर के खर्च की जिम्मेदारी आई तो उनकी माँ ने भली-भांति घर के खर्च को संभाल लिया और हेड मास्टर की उतनी ही तनख्वाह में घर खर्च मजे से चलने लगा। इस तरह हेड मास्टर की माँ का जिंदगी का अनुभव हेड मास्टर की किताबी ज्ञान रूपी डिग्री पर भारी पड़ गया।
इस तरह बड़े भाई साहब के अनुसार जिंदगी का अनुभव अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 3 लेखक की स्वभावगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।
► लेखक की स्वभाव का विशेषताएं...
लेखक अपने बड़े भाई का बेहद आदर करता था और उनसे बहस करने की जुर्रत नहीं कर पाता था। वह पढ़ने लिखने में भी तेज था और खेलने कूदने में भी आगे रहता था। बड़े भाई साहब हमेशा उसे खेलने-कूदने से रोकने के लिए टोकते रहते थे। उनके मत के अनुसार खेलने-कूदने से उसकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। लेकिन लेखक ने अपनी पढ़ाई बराबर ध्यान रखा और अपनी कक्षा में अच्छे अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। लेखक पहले अपने बड़े भाई को गलत समझता, उसे बडे़ भाई की टोका-टाकी पसंद नही थी। लेकिन बाद में उसे अपने बड़े भाई का सम्मान करना आ गया। लेखक ने बड़े भाई का महत्व समझ लिया कि वो उसका भला ही चाहते हैं। इस तरह देखा एक बुद्धिमान परिश्रमी और बड़ों का सम्मान करने वाला छात्र था।
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